हरियाणा मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री की हत्या का व्हाट्सप्प SMS हुआ viral
हरियाणा,एडवोकेट जरनैल बराड़ ने खनोरी बॉर्डर पर गोली लगने से मारे गए किसान को दुखद बताते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व ग्रह मंत्री अनिल विज अपना लायी डिटेक्ट टेस्ट करवा कर यह साबित करें कि उन्होंने पुलिस को गोली चलाने का आदेश दिया था या नही अगर वो अपना टेस्ट नहीं करवाते है तो मैं उनकी हत्या करने पर मजबूर हो जाऊंगा
ऐलनाबाद के तलवाड़ा निवासी एडवोकेट जरनैल बराड़ ने यह मैजेस कई स्थानीय पत्रकारों व वाट्सप ग्रुप में प्रेषित किया ।
इस पर हरियाणा पुलिस ने तुरंत संज्ञान लेकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
मिली जानकारी के अनुसार आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जायेगा।
मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हरियाणा,
अनिल विज गृहमंत्री हरियाणा ।
विषय: आप दोनों एक महीने के अन्दर अन्दर करवाओ अपना अपना लाईं डिटेक्ट टेस्ट कि किसान आन्दोलन में शहीद सुबकरन पर गोलीयां आपके आदेश के बिना चली हैं। यदि एक महीने में आप ऐसा नहीं करते तो मैं आपकी हत्या करने को मजबूर रहूंगा।
गुरु फरीद , गुरु कबीर , गुरु रविदास , गुरु नामदेव , गुरु नानक से लेकर आज तक भारत की एकता, अखंडता, लोकतंत्र, न्याय और सच की रक्षा के लिए
हमेशा लड़ते रहे हैं , लड़ते रहेंगें
ना कभी झूके थे, ना झूकेंगे
ना कभी डरे थे, ना डरेंगे
ना कभी पीछे हटे हैं, ना पीछे हटेंगे
किसान आन्दोलन पर गोलियां चलाना कायरता और भारत की एकता, अखंडता, लोकतंत्र पर सीधा हमला है । आपका झूठ, झूठे वायदे कुछ भी बर्दाश्त किया जा सकता है । भारत की एकता, अखंडता और लोकतंत्र पर हमला कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता । भारत उपमहाद्वीप में छोटे छोटे देशों के समूह को एक देश बनाने के लिए लाखों करोड़ों कुर्बानियां दी गई हैं । आप सिर्फ अपनी कुछ समय की सत्ता बनाए रखने के लिए इस देश को फिर से टुकड़े-टुकड़े होने की ओर धकेल रहे हैं। मैं गुरु फरीद, गुरु कबीर, गुरु रविदास, गुरु नामदेव , गुरु नानक का पुत्र आपको ऐसा नहीं करने दूंगा। इस के लिए चाहे मुझे कोई भी कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े।
यदि आप दोनों ने एक महीने के अन्दर अन्दर किसान आन्दोलन में शहीद सुबकरन सिंह पर चलने वाली गोलियों के लिए अपना लाईं डिटेक्ट टेस्ट ना करवाया तो मैं देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र, न्याय और सच की रक्षा के लिए आप दोनों की हत्या करने को मजबूर रहूंगा, क्योंकि गोलियां हरियाणा मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आदेश के बिना कभी नहीं चलाईं जाती। मैं गुरु अर्जुन देव, गुरु तेग बहादुर, महात्मा गांधी की अहिंसावादी विचारधारा का कट्टर अनुयाई हूं और यदि देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र खतरे में हो तो मैं गुरु गोबिंद सिंह, महाराणा प्रताप, शिवाजी मराठा, सुभाष चन्द्र बोस, भगतसिंह, उधम सिंह और चंद्रशेखर आजाद से भी ज्यादा दूर नहीं हूं।
मैं किसान आन्दोलन पर गोलियां चलाना और सुबकरन की हत्या लोकतंत्र की हत्या मानता हूं। आन्दोलन करना, विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का मूल आधार है। आम लोगों पर गोलियां चलाने का अधिकार सिर्फ तभी है जब आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा हो। लेकिन किसान आन्दोलन में ऐसा कोई खतरा नहीं था।
लोकतंत्र में प्रदर्शन करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है इसलिए सबसे पहला लोकतंत्र पर हमला आन्दोलन कारी किसानों को हरियाणा की सीमा पर रोकना है। ट्रैक्टरों को रोकना दूसरा हमला है। गोलियां और आंसू गैस चलाना तीसरा बड़ा हमला है।
दिल्ली की आबादी करीब दो करोड़ है। हर रोज दिल्ली में 15-20 लाख लोग आते हैं। 4-5 लाख बसें, ट्रक अन्य व्हीकल आते हैं। यदि दिल्ली के किसी कोने में लाख दो लाख किसान और दस बीस हजार ट्रेक्टर ट्रालियां आ जाते तो कौन सी आफ़त आ जाती। दिल्ली राम लीला मैदान में अनेकों महीनों चलने वाले धार्मिक समागम और अन्ना हजारे का आन्दोलन भी हुआ है। भारत रत्न चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत के पांच लाख से ज्यादा किसानों के आन्दोलन इंडिया गेट पर हुए हैं जो दिल्ली का सबसे भीड़ वाला और संवेदनशील एरिया है।
आरएसएस मनुवादी मानसिकता की सरकारें चाहती हैं देश में फिर से मनुवादी विचारधारा पर आधारित तानाशाही राजतंत्र पैदा हो। लोगों को डराने-धमकाने और लोगों की विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए आरएसएस की सरकारें आन्दोलनों को क्रुरता से दबाने का कार्य कर रही हैं ताकि लोग आने वाले समय में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस ना करें।
जिस दिन भारत में लोकतंत्र ना रहा उस दिन भारत के टुकड़े टुकड़े होने से कोई नहीं रोक पाएगा। लोकतंत्र ही एकमात्र ऐसा धागा है जो भारतीय उपमहाद्वीप को एक देश के रूप में बांधे हुए है। जब तक लोकतंत्र है और सरकारें लोगों द्वारा चुनी जाती हैं तभी तक यह देश एक देश है। जिस दिन भारत में तानाशाही व्यवस्था हुई लोकतंत्र ना रहा उस दिन तानाशाह राजा बंदूक से बदले जाएंगे, ऐसा इतिहास में रहा है। जिस दिन राजा फिर से बंदूक से बनने लगे उस दिन भारत का क्या होगा इतिहास पर नजर मारना जरूरी है। ब्रिटिश साम्राज्य के इलावा भारतीय उपमहाद्वीप में 600 से अधिक छोटे छोटे देश थे। जिसके हाथ में बड़ी तलवार और ताकत होगी वह भारत के किसी ना किसी टुकड़े का राजा होगा।
भारत को मनुवादी विचारधारा पर आधारित हिन्दुराष्ट्र बनाने का सपना भी भारत को फिर से चार जातियों की वर्ण व्यवस्था में बांट कर भारत के जनमानस को आपस में बांटने का काम करेगा। फिर अक्रान्ता आएंगे, हमारी फूट का लाभ उठाएंगे और हमें गुलाम बनाएंगे । फिर से स्वतंत्रता के लिए लाखों करोड़ों कुर्बानियों का सिलसिला शुरू होगा।
गुरु फरीद, गुरु कबीर, गुरु रविदास, गुरु नामदेव, गुरु नानक , महात्मा गांधी, जवाहर लाल नहेरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर सहित लाखों महापुरुषों ने जातियों में छ्लनी और टुकड़ों में बंटे भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। महापुरुषों के प्रयास मिट्टी में मिल जाएंगे।
मैं भारतीय उपमहाद्वीप को एकता के सूत्र में बांधने वाले गुरु फरीद, गुरु कबीर, गुरु रविदास, गुरु नामदेव, गुरु नानक का पुत्र मनुवादी मानसिकता की विभाजनकारी ताकतों के हाथों लाखों करोड़ों कुर्बानियों को मिट्टी में नहीं मिलने दूंगा और आपको लाखों करोड़ों लोगों को मौत की आग में नहीं धकेलने दूंगा। यदि आप दोनों ने अपना अपना लाईं डिटेक्ट टेस्ट ना करवाया तो निश्चित तौर पर आपकी हत्या करूंगा।
मैंने भगत सिंह और गुरु गोबिंद सिंह जी को जरूरी नहीं श्रद्धांजलि दी हो लेकिन महात्मा गांधी को साल में दो बार 30 जनवरी और 2 अक्टूबर को श्रद्धांजलि माला जरूर अर्पित करता हूं। सवाल लाजिमी उठेगा अहिंसा का इतना बड़ा उपासक किसी की हत्या करने को क्यों उतारू है।
गांधी जी के समय में लड़ाई की परिस्थितियां अलग थी। उस समय भारत पर मुठ्ठी भर अंग्रेजो का राज था। पूरे देश के लोग उनके खिलाफ एकजुट थे । आज यदि देश का बड़ा वर्ग उनसे सहमत नहीं है तो उनके खिलाफ भी नहीं है, चुप है। अल्पसंख्यक समुदाय छोटे छोटे टुकड़ों में बंटे हुए हैं और डरे हुए हैं। विपक्षी दल अपने कुकर्मों के बोझ तले दबे हुए हैं। कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं है। बीजेपी आरएसएस मजबूती के साथ लोकतंत्र को कुचलकर तानाशाही की ओर बढ़ रही है। ईवीएम है तो अब की बार 400 पार सम्भव है।
यदि 400 पार हैं तो बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर और स्वतंत्रता के लिए एक जुट होकर लड़ने वाले लोगों की संविधान सभा का संविधान जो भारत के सभी लोगों को लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है हट कर मनुवादी मानसिकता का संविधान हो जाएगा। जिस दिन ऐसा हुआ उस दिन देश में घोषित तानाशाही लागू हो जाएगी। जिस दिन देश में तानाशाही व्यवस्था हुई उस दिन भारत के फिर से टुकड़े-टुकड़े होने की नींव पकी हो जाएगी।
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परिस्थितियां जितनी तेजी से बदल रही हैं उनके खिलाफ उतनी तेजी से लड़ना भी जरूरी है। वर्तमान समय में महात्मा गांधी जी का तरीका लोगों के सहयोग के बिना सम्भव नहीं है। बड़ी संख्या में लोगों का खड़े करना मेरे लिए इतनी जल्दी सम्भव नहीं। राजनितिक दल डरे और सहमें हुए हैं। वर्तमान में राहुल एक मात्र व्यक्ति है जो सही दिशा में लड़ें तो सबकुछ बदल सकता है। वह मेरी पहुंच से दूर है। उसके सलाहकार कैसे हैं मैं नहीं जानता। मैंने कई बार उन्हें लिखा है निश्चित तौर पर उस तक पहुंचा नहीं होगा। इसलिए वर्तमान समय में मेरे पास दो ही विकल्प हैं या तो बाकी लोगों की तरह चुप कर जाऊं और आने वाली पीढ़ियों को फिर से गुलामी की ओर धकेल दूं या इनमें से किसी एक को मार कर लोगों की सोई हुई मानसिकता और जमीर को जगाने का काम करूं।
मैं गुरु फरीद, गुरु कबीर, गुरु रविदास, गुरु नामदेव , गुरु नानक पुत्र और लाखों करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों का उपासक जो आज तक भारत की एकता, अखंडता, लोकतंत्र, न्याय और सच की रक्षा के लिए बिना झूके, बिना डरे, बिना पीछे हटे लड़ते रहे हैं । मैं तमाशबीन बनकर चुप कैसे बैठ सकता हूं। मैं प्रण करता हूं मैं भारत की एकता, अखंडता, लोकतंत्र की रक्षा के लिए बिना झूके, बिना रुके, बिना डरे, बिना पीछे हटे अपनी आखरी सांस तक लड़ता रहूंगा, ताकि मेरा भारत फिर से टुकड़े-टुकड़े होने से बच सके।