Arvind Kejriwal Bail: केजरीवाल को मिली बड़ी राहत, अब चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दी 1 जून तक जमानत

Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली शराब नीति मामले में सजा भुगत रहे सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए राहत भरी खबर आई है.

पिछले 50 दिन से तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के आयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है

कथित शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने उनके घर से गिरफ्तार किया था

पी एम एल ए कोर्ट में सुनवाई चल रही है

Arvind Kejriwal को sc ने अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है.

कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए जमानत दी है. बता दें कि सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जुलाई तक जमानत दिए जाने की मांग की थी.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केजरीवाल को डेढ़ साल तक गिरफ्तार नहीं किया गया. ऐसे में 21 दिनों की जमानत से कुछ नहीं होगा. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पहले भी गिरफ्तार किया जा सकता था.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना पड़ेगा. हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए. उन्हें मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी.

जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का आर्डर ट्रायल कोर्ट में भेजा जाएगा.

फिर ट्रायल कोर्ट से रिलीज आर्डर तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजा जाएगा. इसके बाद रिलीज किया जाएगा अरविंद केजरीवाल को. खास बात ये है कि तिहाड़ जेल में रोजाना जितने भी रिलीज आर्डर आते है उसका निपटारा लगभग 1 घण्टे में हो जाता है. ऐसे में पूरी उम्मीद है आज ही अरविंद केजरीवाल जेल से रिहा हो जाएंगे.

Arvind Kejriwal bail: कोर्ट ने ED से पूछा था सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने जांच में देरी पर ईडी से सवाल किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गवाहों, आरोपियों से सीधे प्रासंगिक सवाल क्यों नहीं पूछे गए? कोर्ट ने ईडी द्वारा जांच में लिए गए समय पर सवाल उठाया और कहा कि उसने चीजों को सामने लाने में दो साल लगा दिए.

सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो भी वह आधिकारिक कर्तव्य नहीं निभा सकेंगे. वह मुख्‍यमंत्री के तौर पर ऑफिशियल ड्यूटी करते है तो ये कनफ्लिक्ट होगा.

वहीं, ईडी ने बुधवार को सर्वोच्च अदालत में हलफनामा पेश कर कहा कि चुनाव प्रचार (Election Campaign) करना कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. अगर चुनाव प्रचार करने के लिए बेल दी गई तो फिर तो किसी नेता को गिरफ्तार करना ही मुश्किल हो जाएगा.

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अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने ED के हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. कहा गया है कि सुनवाई पूरी होने के बाद और के फैसले से ठीक पहले हलफनामा पेश करना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है.

खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लिए बिना ईडी ने यह हलफनामा दाखिल किया है. ईडी ने कहा कि दिल्ली सीएम को अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ है.

यह संभव नहीं है कि एक छोटे किसान या एक छोटे कारोबारी का काम रोक दिया जाए और एक नेता को चुनाव प्रचार की अनुमति दे दी जाए. ईडी ने केजरीवाल के व्यवहार के बारे में सुप्रीम कोर्ट को याद दिलाते हुए कहा कि यही अरविंद केजरीवाल थे, जिन्होंने ईडी के समन को चुनाव प्रचार का हवाला देते हुए दरकिनार कर दिया था.

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