Haryana cm: सीएम नायाब की बढ़ी टेंशन
Haryana cm: हरियाणा में आजाद विधायक की मौत के बाद बढ़ी नायब सैनी सरकार की टेंशन
Haryana cm: हरियाणा में आजाद विधायक की मौत के बाद बढ़ी नायब सैनी सरकार की टेंशन, 44 के बहुमत की जगह बीजेपी के पास 42 विधायक
Haryana cm: लोकसभा चुनाव से पहले haryana की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। हरियाणा में जेजेपी व बीजेपी का गठबंधन टूटा। इसके बाद प्रदेश के सीएम मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को बनाया गया है।
हरियाणा में गुरुग्रा्म के आजाद विधायक की मौत के बाद भाजपा सरकार पर अल्पमत का संकट मंडरा रहा है। गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभी सीट से आजाद विधायक राकेश दौलताबाद की कल मतदान करने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई। अब बीजेपी सरकार के पास 42 विधायकों का ही समर्थन बचा है।
ऐसे में विपक्षी फिर सरकार को फ्लोर टेस्ट करवाने के लिए घेर सकते हैं। कांग्रेस और जेजेपी पहले ही राज्यपाल को लेटर लिखकर नायब सैनी सरकार के बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है।
Haryana cm: पहले हरियाणा विधानसभा का पूरा अंकगणित जानिए..
HARYANA विधानसभा में मौजूदा स्थिति क्या है?
Haryana cm: आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल और रानियां से आजाद विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 88 विधायक बचे थे।
इसके बाद बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया। ऐसे में अब कुल विधायक 87 रह गए हैं और बहुमत का आंकड़ा 44 का हो गया है।
Haryana cm: अल्पमत की चर्चा कैसे शुरू हुई?
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मनोहर लाल को सीएम की कुर्सी से हटाकर लोकसभा टिकट दे दी। उनकी जगह नायब सैनी सीएम बनाए गए। उन्हें बीजेपी के 41, हलोपा के 1 और 6 आजाद सहित 48 विधायकों का समर्थन मिला था।
हालांकि पहले मनोहरलाल और फिर सरकार के समर्थन वाले रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के बीच 3 आजाद विधायकों धर्मपाल गोंदर, रणधीर गोलन और सोमबीर सांगवान ने समर्थन वापस ले लिया। जिसके बाद सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा।
Haryana cm: अब सरकार के साथ कितने विधायक बचे?
पूर्व सीएम मनोहर के इस्तीफे के बाद भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा के गोपाल कांडा और आजाद नैनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है।
Haryana cm: विपक्षी दलों की क्या स्थिति है?
हरियाणा में कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। इसके अलावा जेजेपी के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय भी अब सरकार के विपक्ष में हैं। भाजपा के 42 के मुकाबले पूरे विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं।
हालांकि जेजेपी की ओर से अपने 2 विधायक जोगीराम सिहाग और राम निवास के विरुद्ध स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी गई है, जिसमें दोनों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। अगर यह मंजूर हुआ तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे।
Haryana cm: सैनी चुनाव जीते तो फिर सरकार और विपक्ष बराबर हो जांएगे
इसमें एक और दिलचस्प स्थिति 4 जून को बनेगी। सीएम नायब सैनी खट्टर की जगह करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। अगर वह सीट जीत जाते हैं तो फिर सत्ता पक्ष के पास 43 विधायक हो जाएंगे। अगर जजपा के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्ष, दोनों बराबर हो जाएंगे।
Haryana cm: क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
फिलहाल ऐसा नहीं है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। इसके बाद 6 माह तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना वक्त बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी।