Big Breaking News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज भारत रत्न से करेंगी सम्मानित

Big Breaking News: आज सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में करेंगी सम्मानित

कर्पूरी ठाकुर, पीवी नरसिम्हा राव को मरणोपरांत सम्मान

एमएस स्वामीनाथन और चौ.चरण सिंह मरणोपरांत भारत रत्न

आडवाणी को 31 मार्च को आवास जाकर करेंगी सम्मानित।

 

Big Breaking News

 

अंबाला में शुभकरण की श्रद्धांजलि सभा कल

वाटर कैनन बॉय नवदीप की गिरफ्तारी के बाद गुस्से में किसान; अलर्ट पर पुलिस-प्रशासन

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को ED का समन

दिल्ली शराब नीति मामले में ED ने पूछताछ के लिए बुलाया

आज सुबह 11 बजे ED दफ़्तर बुलाया है

गाड़ियों के शीशे पर ब्लैक फिल्म लगाने वाले लोग हो जाएं सावधान, हरियाणा पुलिस द्वारा 1 अप्रैल से विशेष अभियान चलाते हुए किए जाएंगे कानूनी कार्यवाही

ऐसा करने वालों को भरना पड़ सकता है 10 हजार रूपये तक का जुर्माना- डीजीपी

 

Breaking news

चंडीगढ़, 30 मार्च। गाड़ियों के शीशे पर ब्लैक फिल्म का इस्तेमाल करने वाले लोग सावधान हो जाएं क्योंकि हरियाणा पुलिस द्वारा 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत ऐसे वाहन चालकों के चालान किए जाएंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस ऐसे वाहन चालको पर शिकंजा कसने जा रही है जो गाड़ियों के शीशे पर ब्लैक फिल्म लगाकर घूम रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गाड़ियों के शीशे पर ब्लैक फिल्म लगाना यातायात नियमों के विरूद्ध है और हरियाणा पुलिस ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ सख्ती से निपटेगी। ऐसे वाहन चालकों को नियमानुसार 10 हजार रूपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

इस बारे में प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा पुलिस उपायुक्तों को जरूरी दिशा -निर्देश जारी किए हैं। इस अभियान को लेकर संबंधित क्षेत्रों के डीएसपी तथा एसीपी को इंचार्ज लगाया गया है जिनकी मॉनीटरिंग संबंधित पुलिस अधीक्षकों तथा पुलिस उपायुक्तों द्वारा स्वयं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वे यातायात नियमों का गंभीरता से पालन करें और इनकी उल्लंघना ना करें।

उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें और उनकी अनदेखी ना करें। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों के ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनो माध्यम से चालान किए जाएंगे।

इसके अलावा, उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि कोई भी नागरिक बुलेट पटाखा बजाते या गाड़ियों पर ब्लैक फिल्म लगाए हुए पाया जाता है तो इसकी सूचना हरियाणा-112 पर अवश्य दें ताकि उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।

 

 

Big Breaking News

Big Breaking News

1 वर्ष से कम अवधि बावजूद रिक्त करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग सक्षम – एडवोकेट हेमंत

 

गैर-विधायक मुख्यमंत्री को 6 महीने में निर्वाचित‌ होने के अवसर हेतू अल्प-अवधि के लिए कराया जा सकता है उपचुनाव

 

 

वर्ष 1986 में भिवानी जिले की तोशाम वि.स. सीट पर भी एक वर्ष से कम समयावधि के लिए हुआ था उपचुनाव

 

चंडीगढ़ — बुधवार 27 मार्च को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा एक प्रेस नोट जारी कर मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा की रिक्त अकोला (पश्चिम) सीट पर उपचुनाव के लिए 28 मार्च से प्रारम्भ होने वाली चुनावी प्रक्रिया रोक दी गयी है जिसके लिए अगले माह 26 अप्रैल को मतदान निर्धारित था।

 

गत 26 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच की एक खंडपीठ द्वारा उक्त सीट पर उपचुनाव न कराने का आदेश दिया गया चूँकि इस सीट पर उपचुनाव में निर्वाचित होने वाले विधायक का कार्यकाल एक वर्ष से कम होगा जबकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार उस रिक्त सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है जिसकी शेष अवधि एक वर्ष से कम हो।

 

बहरहाल, इस सबके बीच हरियाणा में रिक्त करनाल विधानसभा (वि.स.) सीट पर निर्धारित उपचुनाव पर भी प्रश्नचिन्ह उठने लगे है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट के 26 मार्च के फैसले को आधार बनाकर करनाल वि.स. सीट,

 

जहाँ दो माह बाद आगामी 25 मई को मतदान निर्धारित है, उसे रोकने के लिए भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका डाली जा सकती है. महाराष्ट्र की अकोला (पश्चिम) वि.स. सीट की तरह ही हरियाणा की रिक्त करनाल वि.स. सीट का भी कार्यकाल एक वर्ष से कम है।

 

हालांकि करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है जो फिलहाल मौजूदा 14 वीं हरियाणा विधानसभा के सदस्य नहीं है।

 

वहीं इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि रिक्त करनाल वि.स. सीट का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम है इसलिए लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 151 ए के दृष्टिगत सामान्य परिस्थितयों में उसे सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता।

 

इसी माह 13 मार्च को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल वि.स. सीट के विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया था जिसके बाद विधानसभा स्पीकर (अध्यक्ष) ज्ञान चंद गुप्ता ने उसी दिन उनका त्यागपत्र स्वीकार कर 13 मार्च से ही करनाल वि.स. को रिक्त घोषित कर दिया था।

 

चूंकि वर्तमान हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, इसलिए पूर्व विधायक और पूर्व सीएम मनोहर लाल का करनाल से विधायक के रूप में शेष कार्यकाल करीब आठ महीने ही शेष था. 16 मार्च को भारतीय चुनाव आयोग ने 18 वीं लोकसभा आम चुनाव की घोषणा के साथ साथ रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव की भी घोषणा कर दी।

 

बहरहाल, अब प्रश्न यह उठता कि क्या बॉम्बे हाईकोर्ट के हालियां 26 मार्च के निर्णय के बाद, जिसके पश्चात चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की रिक्त अकोला (पश्चिम) पर उपचुनाव की प्रक्रिया रोक दी है क्योंकि उस सीट पर निर्वाचित होने वाले विधायक का कार्यकाल एक वर्ष से कम होगा,

 

इसी आधार पर क्या रिक्त करनाल वि.स. सीट पर भी उपचुनाव की प्रक्रिया रोकी जा सकती है. हेमंत का कहना है कि जहाँ तक हरियाणा में रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव का प्रश्न है तो चूँकि इस सीट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी,

 

जिन्हे इसी माह 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गयी एवं जो वर्तमान में मौजूदा 14 वी हरियाणा विधानसभा के सदस्य अर्थात विधायक नहीं है और उपचुनाव में उन्हें भाजपा द्वारा करनाल वि.स. सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है, इसलिए करनाल वि.स. सीट का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के बावजूद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा सकता है क्योंकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4 ) के अंतर्गत गैर-विधायक रहते हुए कोई भी मुख्यमंत्री या मंत्री केवल नियुक्ति के अधिकतम 6 महीने तक ही उस पद पर रह सकता है उससे अधिक नहीं।

 

इसलिए अगर मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर उनकी नियुक्ति के 6 माह के भीतर अर्थात 11 सितम्बर 2024 तक मौजूदा हरियाणा विधानसभा के सदस्य निर्वाचित नहीं होते, तो उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगाा।

 

इसलिए उक्त तारिख से पूर्व मुख्यमत्री नायब सिंह को विधायक निर्वाचित होने का एक अवसर प्रदान करना आवश्यक है जिसके लिए अल्प-अवधि अर्थात एक वर्ष से कम अवधि के लिए भी रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव कराया जा सकता है।

 

हेमंत का कहना है कि चूँकि भारतीय चुनाव आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत एक संवैधानिक संस्था है, इसलिए उसे संवैधानिक शक्तियां प्राप्त है, अत: लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 कि धारा 151 ए में एक वर्ष से कम अवधि के लिए उपचुनाव न करने का स्पष्ट उल्लेख होने बावजूद आयोग रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव कराने के लिए सक्षम है।

 

हालांकि अगर करनाल वि.स. सीट पर मुख्यमंत्री नायब सैनी उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं होते, तो इस रिक्त सीट पर भी उपचुनाव रोका जा सकता था. इसी प्रकार प्रदेश के बिजली एवं जेल मंत्री रंजीत चौटाला के रानिया वि.स. सीट के विधायक पद से इस्तीफे के बावूजद उस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।

 

हेमंत ने बताया कि करीब 38 वर्ष 1986 में भी ऐसा हुआ था जब हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल को बदल कर लोकसभा सांसद बंसी लाल को मुख्यमंत्री बनाया गया था एवं तत्कालीन हरियाणा विधानसभा की एक वर्ष से कम अवधि शेष होने बावजूद भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया था जिसमें बंसी लाल रिकॉर्ड मार्जिन से निर्वाचित होकर विधायक बने थे।

 

उस अल्प-अवधि के लिए कराए गए उपचुनाव को हालांकि पहले दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गयी परन्तु दोनों शीर्ष अदालतों ने उसमें हस्तक्षेप नहीं किया था।

 

इसी प्रकार वर्ष 1999 में ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद गिरिधर गमांग के लिए भी एक वर्ष से कम अवधि के लिए विधानसभा उपचुनाव कराया गया था जिसे जीतकर वह विधायक बने थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button