Haryana BJP Govt: आखिरकार अल्पमत में होने पर भी क्यों नहीं गिरने वाली सीएम सैनी की सरकार, जानिए हरियाणा विधानसभा में कोन झोंक रहा असली ताकत
Haryana BJP Govt: Why Naib Singh Saini’s government will not fall even if it is in minority?
Haryana BJP Govt: तीनों निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.
Haryana BJP Govt: गोंदर ने क्या कहा?
“हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं.” उन्होंने कहा, “हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है.”
Haryana BJP Govt: चंडीगढ़. लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
तीन विधायकों-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने यह भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है. इस घटनाक्रम के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार अब अल्पमत में आ गई है, इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो.
पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर और आज़ाद रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में फिलहाल 88 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए नायब सैनी की अगुवाई वाली बीजेपी को 45 का आंकड़ा छूना होगा.
सरकार को फिलहाल 43 विधायकों का समर्थन हासिल है, जिसमें खुद भाजपा के 40, आज़ाद के 2, और हरियाणा लोकहित पार्टी के 1 विधायक गोपाल कांडा शामिल हैं.
Haryana BJP Govt: अल्पमत में होने के बावजूद सरकार पर फिलहाल कोई संकट नहीं है क्योंकि हरियाणा विधानसभा में मार्च 2024 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और इसका मतलब यह है कि अगले 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, जबकि अक्टूबर में ही हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है.
इससे पहले, तीनों निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की. गोंदर ने कहा, “हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं.” उन्होंने कहा, “हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है.”
उदय भान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.”
उदय भान ने कहा, “मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं. भाजपा नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है.” उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए.
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Haryana BJP Govt: कहा-प्रदेश में लागू होना चाहिए राष्ट्रपति शासन
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस को समर्थन से सरकार अल्पमत में आई गई, ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सैनी को अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए साथ रही राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कुल 90 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत है जबकि उनके पास 42 विधायक ही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों से जनता ही परेशान है, जो समर्थन वापस लेकर कांग्रेस की ओर जा रहे हैं क्योंकि जनता इस समय कांग्रेस की ओर देख रही है, कांग्रेस ही इस प्रदेश और देश का भला कर सकती है।