Election 2024, ऐलनाबाद में एक और कॉंग्रेस नेता की जबरदस्त इंट्री

संतोष बेनीवाल ने ऐलनाबाद के चोपटा में दिखाई राजनीतिक ताकत

Election 2024, मोदी की अब तक कौनसी गारंटी पूरी हुई है जो अब दोबारा भरोसा करें – कुमारी शैलजा

ऐलनाबाद / चौपटा, ऐलनाबाद विधानसभा में कॉंग्रेस का एक और नेता उभरा भले ही एक राजनीतिक रैली के तौर पर यह संतोष बेनीवाल की पहली रैली थी लेकिन उन्होंने बहुत कम समय मे रैली को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी , रैली पंडाल भरने में पूरी तरह से कामयाब रही ।

Election 2024
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चौपटा की इस कॉंग्रेस सन्देश रैली की तैयारियां विकट परिस्थितियों में हुई गुटबाजी के चलते कई कोंग्रेसियों ने न केवल रैली से दूरी बनाई बल्कि रैली को असफल करने के प्रयास भी किये गए। Election 2024

 

आपको बता दे संतोष बेनीवाल ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत दड़बा कलां के सरपंच के तौर पर की सरपंच बनते ही वह एक निडर दबंग सरपंचनी की पहचान बनाई।

Election 2024
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Election 2024, हरियाणा प्रदेश के तमाम सरपंचों ने उन पर भरोसा जता कर प्रदेश का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी और पंचायतों के हकों के लिए खूब लड़ी मर्दानी वाली भूमिका में नज़र आई ।

 

यहीँ से शुरु हुई विधानसभा की राजनीति थोड़े समय तक कॉंग्रेस के सभी प्रादेशिक नेताओ सम्पर्क रहे फिर प्रदेश की आपसी गुटबाजी को भांप कर सैलजा का साथ लिया अब पूरी तरह से सैलजा गुट में सक्रिय है ।

Election 2024
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कुमारी शैलजा के नेतृत्व में चल रही कॉंग्रेस सन्देश रैली का आयोजन ऐलनाबाद विधानसभा की चोपटा मंडी में हुआ जहां पर संतोष बेनीवाल ने अपनी ताकत दिखाई । संतोष बेनीवाल ने कॉंग्रेस सन्देश रैली में लगभग पन्द्रह मिनट का भाषण दिया लगभग पूरा भाषण उन्होंने लिखा हुआ पढ़ कर बोला क्योंकि की संतोष बेनीवाल अभी तक एक शानदार वक्ता नही है ना ही उन्हें मीडिया में बात रखने का बढ़िया अनुभव है लेकिन पढ़ीलिखी होने की वजह से उनका बोलने के कौशल का विकास भी हो रहा है। Election 2024

Election 2024
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जिस तेजी से वह आगे बढ़ रही है अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कॉंग्रेस की टिकट भी हथिया सकती है क्योंकि राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि हरियाणा में टिकट बंटवारे में सैलजा के कोटे से टिकट मिल सकती है इसका इशारा कॉंग्रेस सन्देश रैली में भी मिल गया ।

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Election 2024, दूसरा बड़ा कारण कुमारी शैलजा लोकसभा से सांसद भी रह चुकी है हाईकमान की नज़र में सिरसा लोकसभा में कुमारी सैलजा की अच्छी पकड़ आंकी जाती है । गत उपचुनाव में भी कुमारी सैलजा भाजपा से कॉंग्रेस में आये पवन बेनीवाल को टिकट दिलवा चुकी है ।

 

खेर सिर्फ एक रैली की सफलता से एक सफल नेता कहना बेमानी होगा लेकिन अगर संतोष बेनीवाल ग्राउंड जीरो पर काम शुरू करे तो यहाँ की परिस्थिति बदली जा सकती है हर गांव क्षेत्र में उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की फ़ौज खड़ी करनी होगी क्योंकि सिर्फ पार्टी के नाम पर सहयोग मिलना सम्भव नही है ।

खुद की मजबूत पकड़ ना होने का खामियाजा पूर्व में रेमश भादू , पवन बेनीवाल भुगत चुके है । यहाँ पार्टी ही पार्टी को हराती है।

 

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आचार संहिता लागू होने से पूर्व हरियाणा विधानसभा के अगले सचिव का होगा चयन ? 

इसी माह के अंत में वर्तमान सचिव आर.के.नांदल की है सेवानिवृत्ति

 विधानसभा सचिवालय सेवा नियमानुसार प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर से परामर्श कर होती है सचिव पद पर नियुक्ति — एडवोकेट 

 

चंडीगढ़ – हरियाणा विधानसभा के वर्तमान सचिव राजेंद्र कुमार नांदल की सेवानिवृत्ति इसी माह मार्च के अंत में निर्धारित है.

विधानसभा सचिवालय में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर सत्तरह वर्ष से ऊपर की सेवा करने वाले नांदल नवम्बर, 2006 में अर्थात भूपेन्द्र हुड्डा की सरकार दौरान एवं जब झज्जर जिले के बेरी विधानसभा हलके से कांग्रेस विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादयान तत्कालीन 11वीं विधानसभा के स्पीकर (अध्यक्ष) थे, तब नांदल की विधानसभा सचिवालय में सीधे उप सचिव के पद पर नियुक्ति हुई थी जिसके बाद जनवरी, 2010 में वह संयुक्त सचिव, तत्पश्चात फरवरी,2012 में अतिरिक्त सचिव और अगस्त, 2014 में वह सचिव के तौर पर पदोन्नत हुए.

 

बहरहाल, इस सबसे बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि जब नांदल अगस्त, 2014 में विधानसभा सचिव बने, तो उस दौरान सचिव पद पर 25 वर्ष से ऊपर का कार्यकाल पूरा कर चुके सुमित कुमार भी सेवारत थे एवं उनकी तब अढ़ाई वर्ष की सेवा शेष थी. बहरहाल, नांदल के सचिव बनने पर सुमित को प्रधान सचिव के तौर पर पदांकित कर दिया गया एवं वह 31 जनवरी,2017 तक उस पद पर रहे थे.

 

सुमित अप्रैल, 1989 में ताऊ देवी लाल की सरकार दौरान एवं जब हरमोहिंदर सिंह चट्ठा तत्कालीन 6वीं विधानसभा के स्पीकर थे, तब सीधे विधानसभा सचिव नियुक्त हुए थे एवं इस पद पर वह लगातार 28 वर्ष तक पदासीन रहे जो अपने आप से एक रिकॉर्ड है.

 

बहरहाल, नांदल की विधानसभा सचिव पद से सेवानिवृत्ति से पूर्व ही क्या उनके उत्तराधिकारी का चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है या नहीं, यह देखने लायक होगा. चूँकि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा 18 वीं लोकसभा आम चुनाव की घोषणा इस माह के मध्य से पूर्व कभी भी हो सकती है एवं जिस घोषणा के साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी एवं उसके बाद विधानसभा सचिव पद पर नियमित नियुक्ति मई माह के अंत तक अर्थात लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का लटक सकती है.

 

हेमंत ने बताया कि हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 अनुसार हालांकि विधानसभा के सभी पदों की नियुक्ति स्पीकर द्वारा की जा सकती है परन्तु जहाँ तक विधानसभा सचिव के पद का प्रश्न है, तो इस पद पर प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर से परामर्श कर सचिव की नियुक्ति की जाती है.

 

जहाँ तक विधानसभा सचिव के लिए निर्धारित योग्यता एवं अनुभव का विषय है, हेमंत ने बताया कि इस पद के लिए सीधी भर्ती द्वारा, प्रमोशन द्वारा, ट्रांसफर द्वारा और डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) द्वारा नियुक्ति की जा सकती है.

 

जहाँ तक सीधी भर्ती का विषय है, तो इसके लिए विधि स्नातक अर्थात लॉ डिग्री (प्रोफेशनल ) के साथ साथ या तो सचिवालय प्रशासन, संसदीय प्रक्रिया और विधानसभा के नियमों के व्यवहारिक ज्ञान और पर्यवेक्षीय क्षमता के तौर पर आठ वर्ष का अनुभव अथवा अधीनस्थ न्यायालय में वकील के तौर पर 10 वर्षो की प्रैक्टिस या हाई कोर्ट में वकील के तौर पर 5 वर्ष की प्रैक्टिस होनी चाहिए. जहाँ तक प्रमोशन से विधानसभा सचिव पद पर नियुक्ति का विषय है, तो विधानसभा सचिवालय में एक वर्ष के अनुभव वाला अतिरिक्त सचिव इस पद के लिए योग्य है.

 

इसके अतिरिक्त उपयुक्त ग्रेड का प्रदेश कैडर का आईएएस अधिकारी एवं प्रदेश के महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) कार्यालय में तैनात सहायक महाधिवक्ता, उप -महाधिवक्ता और वरिष्ठ उप महाधिवक्ता, जो पब्लिक प्रासीक्यूटर नियुक्त होने के योग्य हो, वह भी ट्रान्सफर आधार पर विधानसभा सचिव बन सकता है.

 

इसी प्रकार प्रदेश के वरिष्ठ जुडिशल सेवा कैडर अर्थात अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज रैंक का न्यायिक अधिकारी भी प्रतिनियुक्ति पर विधानसभा सचिव बन सकता है.

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