Agriculture women success Story: सिरसा के इस गांव की बहू बनी किसानों के लिए रोल मॉडल

Agriculture women success Story: आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है’ के कथन को सार्थक कर दिखाया है

साथियों खेतों मे काम कर जनता का पेट भरने वाला किसान देश का अन्नदाता भगवान से कम नहीं होता और जो किसान बिना किसी कैमिकल पेस्टीसाइड का प्रयोग कर फ़सल पैदावार कर्ता है उसके जेसा किसान मिल पाना भी मुश्किल है.

आज हम सिरसा के खारियां गांव की महिला किसान की समझदारी और उसकी मेहनत के साथ उसकी Success Story आप तक लेकर आए है. ये महिला अपनी जमीन पर ऑर्गेनिक खेती कर सब्जियों की खेती करती है. आइए जानते हैं आगे की कहानी।

Agriculture women success Story: रानियां क्षेत्र के गांव चक्कां निवासी प्रियंका धर्मपत्नी इन्द्रसेन बरावड़ ने। प्रियंका एक साधारण व मध्यम वर्गीय परिवार की सदस्य है, जो अपने पति इन्द्रसेन के साथ लम्बे समय से परम्परागत खेती कर रही थी।

लेकिन हर साल कम बारिश और भूमिगत लवणीय पानी के चलते नरमा, कपास व ग्वार जैसी खेती से केवल जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ही बड़ी मुश्किल से हो पा रही थीे, उधर परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा था।

परेशानी का सामना करते हुवे प्रियंका ने पति इन्द्रसेन की सहमति से परम्परागत खेती छोड़कर सब्जी उगाने की ठानी। वर्तमान में प्रियंका मात्र एक एकड़ में आर्गनिक सब्जी लगाकर नरमा व कपास से ज्यादा मुनाफा कमा रही है। Agriculture women success Story

पूछताछ करने पर प्रियंका ने बताया कि गांव के नजदीक उनके पास मात्र एक एकड़ जमीन है, जो पूर्णत: रेतीला टीला है, जहां पर भूमिगत पानी भी खारा व लवणीय है।

Agriculture women success Story: पहले साल दो सब्जियों की करी खेती 

महिला किसान ने अपने पति के साथ मिलकर पहले साल केवल भिंडी व कक्कड़ी की खेती की, जिससे तीन महीनों में 50 हजार रूपयों की बचत हुई। अच्छा मुनाफा देखकर उसका हौसला बढ़ गया और इस बार उन्होंने मिर्च, भिंडी, टिण्डी, कक्कड़ी, लोकी, तोरी व बंगा आदि सब्जी लगाई हुई है, जिनकी पैदावार शुरू हो चुकी है। Agriculture women success Story

प्रियंका का मानना है कि अगर इस बार मौसम ने साथ दिया तो उन्हें मात्र छह महीनों में ही करीब सवा से डेढ़ लाख रूपये तक की पैदावार होने की उम्मीद है। हालांकि नई खेती का अनुभव ना होने के चलते उन्हें थोड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।

प्रियंका ने बताया कि सब्जियों में लगने वाली बीमारियों, पौधों की बढ़वार व पैदावार और देखरेख के तरीकों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अगर समय रहते सही उपाय ना किया जाए तो बड़ा नुकसान का सामना भी करना पड़ता है।

ऑर्गेनिक व जहरमुक्त सब्जियों मे इन तरीकों से खाद का करते हैं प्रयोग Agriculture women success Story

प्रियंका के पति इन्द्रसेन ने बताया कि वे कृषि विभाग रानियां से समय-समय पर आर्गेनिक खेती की बढ़वार, पैदावार, देखरेख, बोने व काटने के नए तरीकों, समय परिवर्तन के साथ पड़ने वाली मौसमी बीमारियों व उनके रोकथाम के लिए की जानकारी लेते रहते हैं।

फ़सल की अच्छी पैदावार के लिए वह गौबर, गौमूत्र, नीम की पत्तियां, छाछ, हल्दी, गुड़ इत्यादि का मिश्रण बनाकर समय-समय पर छिड़काव करता है। जिससे सभी सब्जियां शुद्ध आर्गेनिक व विषमुक्त होती हैं।

Agriculture women success Story: खेतों से ही खरीदने पहुंच जाते हैं लोग 

ऑर्गेनिक होने के कारण सब्जी थोड़ी महंगी जरूर है, लेकिन ज्यादातर ग्राहक सब्जियां खेत से ही लेकर जाते हैं। जिसके लिए ज्यादा पैसा व मेहनत भी नहीं करनी पड़ती। कई बार सब्जी की लागत कम व पैदावार अच्छी होने पर उन्हें रानियां, जीवन नगर, ऐलनाबाद या सिरसा सब्जी मंडी में बेचनी पड़ती है। जिससे समय, मेहनत व यातायात खर्च बढ़ जाता है।

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Agriculture women success Story: कृषि क्षेत्र के लिए योजनाएं

यदि आपके पास खेती-बाड़ी करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, तो आप सरकार से सहायता ले सकते हैं। खेती के लिए सरकार कई योजनाओं के तहत किसानों को धन देती है। इन योजनाओं के तहत किसानों को लोन, सब्सिडी और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। Agriculture women success Story

किसान क्रेडिट कार्ड: किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होता है। यह किसानों को खेती उपकरण, बीज, खाद, सिंचाई आदि की खरीदी के लिए सहायता प्रदान करता है।

फसल बीमा योजना: यह योजना किसानों को फसल के नुकसान की स्थिति में मुआवजा प्रदान करती है. यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, अदृश्य कारणों, और अन्य अज्ञात स्थितियों से होने वाली फसल की हानि के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। Agriculture women success Story

राष्ट्रीय कृषि मिशन: राष्ट्रीय बागवानी मिशन ऐसी योजना है जिसके तहत किसानों को बागवानी फसलों की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन का लाभ लेने के लिए अपने निकटतम कृषि विभाग में अप्लाई कर सकते हैं। Agriculture women success Story

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