IPS Success Story: NASA की नौकरी छोड़ की UPSC की तैयारी, फिर बन गई IPS अफसर
अनुकृति वर्तमान में यूपी कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं, जो बतौर बुलंदशहर एएसपी पोस्टेड हैं। उन्हें 5 वें प्रयास के बाद यह सफलता हासिल हुई है। आइए जानते हैं कौन हैं आईपीएस अनुकृति शर्मा।
अनुकृति शर्मा ने NASA का ऑफर ठुकराया
अनुकृति का जन्म राजस्थान के अजमेर में 14 अक्टूबर 1987 को हुआ। पिता और माता दोनों सरकारी नौकरी में रहे। पिता 20 सूत्रीय विभाग के डायरेक्टर और मां टीचर थीं।
यही कारण रहा कि अनुकृति को बेहतर शिक्षण संस्थानों में पढ़ने का मौका मिला। अनुकृति ने जयपुर स्थित इंडो भारत इंटरनेशनल स्कूल से 12 वीं पास की। इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च कोलकाता से बीएसएमएस किया।
फिर स्कॉलरशिप पास कर पीएचडी करने के लिए 2012 में अमेरिका पहुंची और ह्यूस्टन शहर की राईस यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। कोर्स के दौरान ही अनुकृति को अमेरिका की स्पेस अनुसंधान संस्थान (NASA) में नौकरी का ऑफर मिला। सैलरी 2 लाख रुपए प्रति माह से ज्यादा थी। लेकिन उनका मन देश की तरफ मुड़ गया और उन्होंने यह सब छोड़ अब देश के लिए कुछ करने के प्रण के साथ 2014 में वह अपने वतन भारत लौट आई।
सपने का पीछा करना शुरू किया
अमेरिका से लौटने के बाद अनुकृति के पास नौकरी नहीं थी, अगर कुछ था को देश के लिए कुछ करने का जज्बा। वापसी के साल ही उन्होंने नेट जेआरएफ परीक्षा दी और देशभर में 23 वां स्थान हांसिल किया।
हालांकि यह उनकी मंजिल की पहली सीढ़ी थी। वह हर हाल में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास कर प्रशासनिक सेवा में आना चाहती थी। वह तैयारी करती रहीं। पहला प्रयास उन्होंने 2015 में किया, प्रीलिम्स क्लियर हुआ, लेकिन मेन्स रह गया।
दूसरे अटेंप्ट में प्रीलिम्स भी नहीं निकला। लगातार दो असफलताओं के बाद अनुकृति निराश हुईं, लेकिन खुद पर यकीन बनाए रखा। साल 2018 में चौथे अटेंप्ट में अनुकृति की 355वीं रैंक आई और इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) में सिलेक्शन हो गया। अनुकृति यहीं नहीं रूकी, साल 2020 में यूपीएससी में 5वीं बार अटेम्प्ट किया और आईपीएस बनीं।
अनुकृति को मिला यूपी कैडर
आईपीएस अनुकृति शर्मा को यूपी कैडर मिला है। वह वर्तमान में बुलंदशहर में सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। अनुकृति ने इस सफर में पति वैभव मिश्रा और माता-पिता की भूमिका को अहम बताया। उनहोंने कहा कि हर मुश्किल परिस्थिति में मेरे पति साथ खड़े रहे। खास बात यह है कि पति वैभव ने भी साथ ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी।
हालांकि, उनका सिलेक्शन नहीं हो सका, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी का साहस बांधे रखा। वहीं, अब आईपीएस के पति वैभव दिल्ली की एक कोचिंग में स्टूडेंट्स को गाइड कर रहे हैं।