Haryana: हरियाणा में इन छात्रों का भविष्य होगा उज्जवल!, सैनी सरकार ने केंद्र को ये भेजा प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पहल के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। वहीं, राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य भर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है।
उच्चतर शिक्षा विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा के लिए आईआईटी की स्थापना जरूरी है। इसके लिए प्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
छात्रों के कौशल विकास पर देना होगा ध्यान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुलपतियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें छात्रों के शोध, नवाचार और कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। उन्होंने इन उद्देश्यों के लिए एक अलग कोष आवंटित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कुलपतियों को छात्रों को अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आज कई युवा बिना किसी शुरुआती निवेश के अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कुलपतियों को यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बड़ी संख्या में विदेशी छात्रों को समायोजित करने के लिए विश्वविद्यालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करके उच्चतर शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में काम करेगी।
उद्योगों के लिए तैयार किया अनुकूल माहौल
राज्य सरकार ने उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है, जिससे हरियाणा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों कंपनियों के लिए अपनी इकाइयों स्थापित करने के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू समेत कई विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
हर जिले में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की योजना
बजट पूर्व परामर्श बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के युवाओं को खेलों में पारंगत बनाने के लिए हर जिले में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की दिशा में योजना बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में भी खेलों के लिए उपयुक्त सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक-2036 के लिए हरियाणा के युवाओं को अभी से प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे प्रदेश व देश का नाम विश्व पटल पर रोशन कर सकें।
बैठक में शामिल शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि स्कूलों व कॉलेजों की एग्जीबिशन के दौरान विज्ञान, पर्यावरण व अन्य क्षेत्र से संबंधित बेहतरीन मॉडल बनाने वाले बच्यों को उचित मार्गदर्शन व बजट मुहैया करवाना चाहिए, ताकि वे उस क्षेत्र में शोध कर सकें। इसके लिए विभाग के अधिकारी और विश्वविद्यालय मिलकर रूपरेखा तैयार करें।