High court: ग्रेच्युटी मामले में कर्मचारियों के पक्ष में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला! जाने पूरी खबर

High court: हरियाणा में उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे कर्मचारियों को उनके अधिकारों के हक में बड़ा फायदा हुआ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि को बिना रिकवरी प्रक्रिया शुरू किए नहीं रोका जा सकता है। इस फैसले में सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन की याचिका को खारिज कर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारी की ग्रेच्युटी राशि पर रोक लगाई जाए।High court
फैसले की प्रमुख बातें:
1. कर्मचारी का अधिकार:
कोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी के ग्रेच्युटी के अधिकार को रोका नहीं जा सकता, जब तक कि कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया हो। कर्मचारी को उनके हक की राशि मिलनी चाहिए, चाहे उनकी सेवा समाप्त हो चुकी हो।High court
2. कानूनी प्रक्रिया:
इस मामले में, जीसी भट ने अपनी बर्खास्तगी के सात साल बाद ग्रेच्युटी की मांग की थी। कोर्ट ने आदेश दिया कि उन्हें उनकी बर्खास्तगी की तारीख से 7.9 लाख रुपये की ग्रेच्युटी और 10 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान किया जाए।High court
3. लापरवाही का आरोप:
कोर्ट ने यह भी कहा कि भट की बर्खास्तगी से जुड़े अन्य अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रेच्युटी का भुगतान रोका गया। अगर रिकवरी की प्रक्रिया समय पर शुरू की जाती, तो भट को यह राशि मिलने में कोई बाधा नहीं होती।High court
क्या होगा कर्मचारियों को फायदा?
इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी जैसे हक से वंचित नहीं किया जा सकता, जब तक कि कानूनी रूप से रिकवरी प्रक्रिया शुरू न की जाए।High court
इससे भविष्य में कर्मचारियों को अपने हक की राशि के लिए कानूनी संघर्ष में मदद मिलेगी, खासकर जब उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है।
यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत है, जो अब यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके द्वारा अर्जित किए गए लाभ, जैसे ग्रेच्युटी, बर्खास्तगी के बावजूद उन्हें मिलेंगे।