Haryana Property Rate: हरियाणा में अब प्लॉट व फ्लैट्स खरीदना होगा महंगा, इतने बढ़े प्रॉपर्टी के दाम

Haryana Property Rate: हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने नये प्रोजेक्ट्स के लिए ईडीसी (बाह्य विकास शुल्क) यानी एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज में बढ़ोतरी की है। आठ वर्षों के बाद ईडीसी शुल्क बढ़ा है। ऐसे में सरकार ने इसमें सीधे ही 20 प्रतिशत का इजाफा किया है। Haryana Property Rate
साथ ही, यह तय किया है कि ईडीसी की दरें हर साल 10 प्रतिशत बढ़ेंगे। बढ़ी दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी।
विभाग के निदेशक अमित खत्री की ओर से इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई है। ईडीसी की नई दरें लागू होने के बाद प्रदेश में प्लाट और फ्लैट्स् में रेट में बढ़ोतरी होगी। Haryana Property Rate
दरअसल, बिल्डरों द्वारा ईडीसी की वसूली उपभोक्ताओं से ही की जाती है। ऐसे में आवासीय (प्लॉटेड और फ्लैट्स) योजनाओं के दामों में बढ़ोतरी होगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने ईडीसी की वसूली के लिए प्रदेश को छह जोन में बांटा है।
इन छह जोन में पंचकूला जिला शामिल नहीं है। पंचकूला में अलग से दरें निर्धारित की हैं। गुरुग्राम को हाईपर पोटेंशियल जोन में शामिल किया है। हाई पोटेंशियल जोन-। में फरीदाबाद, सोहना और ग्वाल पहाड़ी का एरिया रखा है।
इसके पार्ट-।। यानी हाई पोटेंशियल जोन-।। में सोनीपत, कुंडली व पानीपत को रखा गया है। बाकी शहरों के लिए भी अलग-अलग जोन बने हैं। लो-पोटेंशियल जोन में दरें कम रहेंगी।
यहां बता दें कि अभी तक विभाग द्वारा 2015 की पॉलिसी के तहत ईडीसी वसूल किया जा रहा था। आठ वर्षों बाद हुई बढ़ोतरी के बाद अब नई दरें लागू होंगी। ईडीसी का पैसा सड़कों, बिजली-पानी व दूसरी मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाता है। Haryana Property Rate
आर्थिक जोन में विकास को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम जिले के पटौदी, हेलीमंडी, फर्रुखनगर को लो-पोटेंशियल जोन से निकालकर मीडियम पोटेंशियल जोन में शामिल किया है।
राज्य में ईडीसी दरों की गणना के लिए इंडेक्सेशन नीति में भी बदलाव किया है। भविष्य में आधार ईडीसी दरों को निर्धारित करने के लिए एक सलाहकार को नियुक्त किया जाएगा। जब तक आधार ईडीसी दरें निर्धारित नहीं हो जातीं, तब तक हर साल एक अप्रैल से 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रभावी रहेगी।
इससे पहले, वित्त मंत्री, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री की कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिशों पर इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के तहत ईडीसी की दरें तय की गई थीं।
वर्ष 2018 में सरकार ने गुरुग्राम और रोहतक सर्किल की ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य आईआईटी दिल्ली और फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्किल के लिए आईआईटी रुड़की को सौंपा था। Haryana Property Rate
दोनों संस्थानों ने ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण आज तक वही इंडेक्सेशन नीति और ईडीसी दरें जारी रहीं। यहां बता दें कि ईडीसी के पुराने बकाया को लेेकर सरकार ने ‘समाधान’ योजना के तहत कई बिल्डरों को राहत भी दी।