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Haryana: हरियाणा में कबूतरबाजी पर 10 और मैच फिक्सिंग पर 7 साल तक की कैद, नायब सरकार ने बनाया कड़ा कानून

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हरियाणा में कबूतरबाजी पर 10 और मैच फिक्सिंग पर 7 साल तक की कैद
  हरियाणा में कबूतरबाजी और डंकी रूट के जरिए विदेशों में भेजने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नायब सरकार ने कमर कस ली है। बुधवार को विधानसभा में सीएम नायब सैनी ने ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक पेश किया। 

चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक अब राज्यपाल के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन तक जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी होगा और प्रदेश में यह नया कानून लागू हो जाएगा।

पहले भी पारित हुआ था यह विधेयक

पूर्व की मनोहर सरकार ने भी यह विधेयक पारित किया था, लेकिन गृह मंत्रालय की कुछ आपत्तियों के चलते इसे नए सिरे से इसे पेश किया गया। विधेयक के तहत कबूतरबाजी में संलिप्त ट्रैवल एजेंटों को 3 से 10 साल तक की सजा और 2 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकेगा। 

दोषी साबित होने पर ट्रैवल एजेंट की प्रॉपर्टी भी जब्त हो सकेगी। यही नहीं, ट्रैवल एजेंसी से लेकर जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वाले कानून के दायरे में होंगे।

कायदे-कानून से होगा काम

सीएम मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई ट्रैवल एजेंट विदेश भेजने के नाम पर हमारे युवाओं को गुमराह करता है, उसे गलत तरीके से दूसरे देश में भेजता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

ट्रैवल एजेंटों को लाइसेंस लेना होगा और हर हाल में उन्हें नियम कायदे पूरे करने होंगे। इसके बाद विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते सत्तापक्ष ने बिल को पारित कर दिया।

2 बार बनी एसआईटी

बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने बताया कि पिछली सरकार में गृह मंत्री रहते उन्होंने कबूतरबाजों पर शिकंजा कसने के लिए 2 एसआईटी बनाई थी। भारती अरोड़ा की एसआईटी ने 600 कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया था। 

वहीं शिबास कविराज की अगुवाई वाली दूसरी एसआईटी ने 750 कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया था। मंत्री अनिल विज ने कहा कि कबूतरबाजों पर हर हाल में नियंत्रण जरूरी है।

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