IAS Cadre Change Rules: क्या शादी होते ही अपना कैडर बदल सकते हैं IAS अफसर? देखें क्या है नियम

IAS Cadre: यूपीएससी परीक्षा में पास होकर आईएएस बनने के बाद भी प्रशिक्षुओं का संघर्ष खत्म नहीं होता है। परीक्षा और इंटरव्यू पास करने के बाद कई महीनों की कठिन ट्रेनिंग होती है और फिर प्रशिक्षु अफसरों को रिक्तियों के हिसाब से विभिन्न कैडर में पोस्टिंग मिलती है।
यूपीएससी परीक्षा के तीनों चरणों में सफल होने के बाद कैडर एलोकेशन की बारी आती है। ज्यादातर मामलों में किसी आईएएस या आईपीएस अफसर को होम कैडर में नियुक्ति नहीं मिलती है। हालांकि रैंक हाई होने या होम राज्य में रिक्त पद ज्यादा होने पर होम कैडर में नियुक्ति मिल भी सकती है।
शादी के बाद मिलता है कैडर बदलने का मौका
अधिकतर आईएएस अफसर अपने समान ही किसी अफसर से शादी करते हैं। इनमें से कई की मुलाकात मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान होती है तो कुछ की दोस्ती काम के दौरान हो जाती है। आईएएस अफसरों को शादी के बाद कैडर बदलने का मौका मिलता है। लेकिन इसके लिए भी कुछ शर्तें रखी गई हैं।
इन मामलों में बदल सकते हैं कैडर
1. एक आईएएस अफसर शादी के बाद अपने पति/पत्नी के कैडर में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकता है। हालांकि उन्हें होम कैडर में जॉइनिंग की इजाजत नहीं मिल सकती है।
2. जब शादी के बाद इंटर कैडर ट्रांसफर का अनुरोध किया जाता है, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है कि वह कैडर (राज्य) उस अफसर को अपने यहां लाने के लिए तैयार हो।
3. अगर दोनों ही पार्टनर्स के कैडर उनमें से किसी एक को अपने यहां पोस्टिंग देने के लिए तैयार नहीं हैं, तो सरकार किसी तीसरे कैडर में ट्रांसफर करने के बारे में सोच सकती है।
4. यह इंटर कैडर ट्रांसफर सिर्फ तभी मुमकिन है, अगर पति व पत्नी, दोनों ही आईएएस अफसर हों। अगर आईएएस अफसर केंद्रीय/ राज्य/ पीएसयू एंप्लॉई से शादी करता है तो इस ट्रांसफर की अनुमति नहीं मिलेगी।
5. किसी बड़े मामले या अत्यधिक कठिनाई वाली परिस्थिति में भी कैडर बदलने की अनुमति मिल जाती है। लेकिन यहां भी होम कैडर में ट्रांसफर नहीं मिल पाता है।
6. कभी-कभी सरकार खुद ही आईएएस अफसरों का तबादला दूसरे कैडर में कर देती है। यहां उन्हें होम कैडर में भी नियुक्ति मिल सकती है। लेकिन इसके लिए सर्विस में 9 साल पूरे हो जाना जरूरी है। कोई भी आईएएस अफसर अपने होम कैडर में 5 साल की सर्विस कर सकता है। इसमें भी शर्त यह है कि लगातार 3 साल से ज्यादा का वक्त नहीं होना चाहिए।
7. शादी के आधार पर इंटर कैडर ट्रांसफर को मंजूरी देने की शक्ति कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को सौंपी गई है। हालांकि कुछ असाधारण मामलों में यह अनुरोध कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजा जाता है।
8. अगर दोनों पति-पत्नी दो अलग-अलग अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित हैं, जिनमें से एक आईएएस है तो इस मामले पर डीओपीटी में कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अगर एक IPS का है और दूसरा IFoS का है तो इस मामले पर गृह मंत्रालय में विचार किया जाएगा।