Railway : रेलवे में टिकट का बड़ा फर्जीवाड़ा, विजिलेंस विभाग ने दो कर्मचारियों को किया गिरफ्तार...

Railway : रेलवे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है, विभाग में टिकट (Ticket) फर्जीवाड़े को लेकर विजिलेंस विभाग ने बड़ा पर्दाफाश किया है, आइए जानते है कैसे दो कर्मचारियों ने तत्काल टिकट (Ticket) को लेकर ये फर्जीवाड़ा किया है।
रेल (Rail) मंडल का गिदड़बाहा एक छोटा सा स्टेशन (Station) है। यहां से करीब 1130 किमी दूर उत्तर प्रदेश के मुहम्मदाबाद स्टेशन (Station) से लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई के लिए आठ लोगों की तत्काल टिकट (Ticket) का फर्जीवाड़ा विजिलेंस ने पकड़ लिया।
मिली जानकारी के अनुसार, विजिलेंस ने इस खेल का पर्दाफाश कर दो कर्मचारियों को पकड़ा है। दलालों से सांठगांठ कर रेलकर्मी तत्काल टिकटें बुक करते हैं। मोटी रकम लेकर दूसरे यात्रियों का हक मार देते हैं। गिदड़बाहा स्टेशन (Station) पर जब यह टिकट (Ticket) बुक होता है तो उस समय कोई यात्री टिकट (Ticket) बुक कराने नहीं आया था।
विजिलेंस ने मारा छापा
विजिलेंस ने 11 हजार 800 रुपये के इन टिकट (Ticket)ों को सील कर कब्जे में ले लिया है। देशभर में दलालों का नेटवर्क फैल चुका है जो कंफर्म टिकट (Ticket) बुक कराने के नाम पर मोटी रकम यात्रियों से वसूल कर इसका कुछ हिस्सा रेल (Rail) कर्मियों तक भी पहुंचाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर रेलवे की विजिलेंस के इंस्पेक्टर संदीप कुमार को सूचना मिली थी कि गिदड़बाहा स्टेशन (Station) पर तत्काल टिकट (Ticket)ों को निकालकर दलालों के माध्यम से खेल किया जा रहा है। इसी आधार पर छापा मारकर दो रेल (Rail) कर्मचारियों को पकड़ लिया गया। अभी इनके नामों का खुलासा नहीं किया है।
खत्म हो जाता कोटा
अधिकतर रूट पूरा वर्ष व्यस्त रहते हैं। इन रूटों पर वेटिंग टिकट (Ticket) ही नसीब हो पाता है। अमृतसर से हावड़ा, हावड़ा से मुंबई, नई दिल्ली से मुजफ्फरपुर, नई दिल्ली से पटना आदि रूटों पर टिकट (Ticket) के लिए यात्रियों को दलालों के जाल में फंसना ही पड़ता है।
मिली जानकारी के अनुसार, यात्रा से एक दिन पहले ही तत्काल टिकट (Ticket) मिलता है जिसका दो या तीन मिनट में कोटा खत्म हो जाता है। जिन स्टेशनों पर कर्मियों की टाइपिंग स्पीड धीमी होती है वह तो तत्काल टिकट (Ticket) कंफर्म निकाल भी नहीं पाते।
विजिलेंस सुलझा रही गुत्थी
दिन में 11 बजकर 02 मिनट पर गिदड़बाहा रेलवे स्टेशन (Station) से करीब 1130 किमी दूर मुहम्मदाबाद रेलवे स्टेशन (Station) से लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई के लिए यह टिकट (Ticket) अगले दिन आरक्षित हुआ था। 36 घंटे बाद ट्रेन को मुहम्मदाबाद स्टेशन (Station) से रवाना होना था।
मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि छोटे से स्टेशन (Station) से मुहम्मदाबाद तक टिकट (Ticket) कैसे पहुंचाया जाता। इसकी गुत्थी विजिलेंस की जांच में स्पष्ट हो पाएगी। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पर हवाई जहाज से भी कोरियर के माध्यम से टिकट (Ticket) भेजे जाते थे, लेकिन इस छोटे से स्टेशन (Station) के आसपास से बड़े स्टेशन (Station) की कोई सुविधा नहीं है।
यह टिकट (Ticket) दलाल कैसे यात्रियों तक पहुंचाते थे? इसको लेकर जांच चल रही है। दलालों का नेटवर्क एक राज्य से दूसरे राज्य तक फैला हुआ है जिसको तोड़ने के लिए रेलवे की तमाम एजेंसियां प्रयास कर रही हैं।
माल बाबू टिकट (Ticket) बनाते पकड़ा गया
मिली जानकारी के अनुसार, गिदड़बाहा रेलवे स्टेशन (Station) पर आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट (Ticket) बनाता माल बाबू पकड़ा गया, जबकि माल बाबू की ड्यूटी कहीं और थी। आरक्षण क्लर्क को उठाकर खुद ही माल बाबू वहां टिकट (Ticket) बना रहा था। ट्रेन नंबर 15181 में दो टिकटें स्लीपर क्लास की आठ लोगों के लिए बनाए गए थे।