IPL मैच में 36 करोड़ के बिके हरियाणा-पंजाब के ये क्रिकेटर्स, जाने इनके इस सफर की पूरी कहानी

हरियाणा और पंजाब के 2 खिलाड़ी IPL 2025 के लिए मेगा ऑक्शन में 36 करोड़ रुपए में बिके हैं। इनमें मोहाली के बॉलर अर्शदीप सिंह और जींद के स्पिनर युजवेंद्र चहल हैं। दोनों को पंजाब किंग्स ने 18-18 करोड़ रुपए में खरीदा है।
IPL इतिहास के सबसे महंगे भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल बने। चहल IPL इतिहास के टॉप विकेट टेकर हैं। चहल ने 2013 में IPL में डेब्यू किया था।
युजवेंद्र चहल 2018 से दिल्ली में इनकम टैक्स सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, अर्शदीप सिंह ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच भी खेला था।
अर्शदीप सिंह के क्रिकेटर बनने की कहानी...
कनाडा भेजने की तैयारी
अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उन्हें कनाडा उनके भाई के पास भेजने का फैसला किया।
कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उन्हें एक साल का समय दिया। फिर उनका चयन पंजाब की अंडर-19 टीम में चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने अंडर-19 विश्व कप खेला।
पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत
अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ, जब उनके पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज हैं।
उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वह उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए, जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई।
ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बैठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं।
IPL में डेब्यू किया
अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 IPL के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया।
वह टीम के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 ACC इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया।
युजवेंद्र चहल की कहानी...
5 साल की उम्र में खेलने लगे थे क्रिकेट
मिली जानकारी के मुताबिक,युजवेंद्र चहल 4-5 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलने लगे थे। उनका पैतृक गांव जींद का दरियावाला है। उनके पिता केके चहल जींद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव रहे हैं। उन्होंने उनके लिए रेलवे स्टेशन के साथ लगते अपने खेत में ही क्रिकेट की पिच तैयार करके दी थी।
पिता को मानते गुरु
मिली जानकारी के मुताबिक, युजवेंद्र ने बताया था कि मेरे पहले गुरु पिता एडवोकेट कृष्ण कुमार हैं। उन्होंने ही खेलने में मदद की। मैं ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वॉर्न का फैन हूं। 2012 में IPL के दौरान उनसे मुलाकात हुई थी। तब उन्होंने बॉलिंग के बारे में कई अच्छी जानकारियां दीं। तभी से मेरा भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का सपना था।
स्कूल के समय से ही रोज 4 से 5 घंटे क्रिकेट खेलता था। दिल्ली में कोच रणधीर सिंह की एकेडमी जॉइन की। वहां रहते हुए IPL खेला। भारतीय क्रिकेट टीम में सिलेक्ट होने से पहले फरीदाबाद में जिम्बाब्वे-इंडिया और चंडीगढ़ में इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के मैच स्टेडियम में जाकर देखता था।
सालासर बालाजी में गहरी आस्था
मिली जानकारी के मुताबिक,युजवेंद्र चहल ने बताया की राजस्थान स्थित सालासर बालाजी हमारे इष्ट देव हैं। उनमें पूरी आस्था है। कई साल से लगातार वह बालाजी महाराज के दर्शन करने जाते हैं।
कोरियोग्राफर से शादी
मिली जानकारी के मुताबिक, युजवेंद्र चहल की 22 दिसंबर 2020 को कोरियोग्राफर धनश्री से गुरुग्राम में शादी हुई थी। दोनों की पहचान डांस क्लास के दौरान हुई। 2019 में अप्रैल से जून महीने तक क्लास के दौरान धनश्री को पसंद करने लगे और फिर दोनों में प्यार हो गया।