Rajsthan News: अरुणाचल में शहीद बाड़मेर के जवान की अंतिम यात्रा: पार्थिव देह लेकर चल रही सेना की गाड़ी पर जगह-जगह बरसाए जा रहे फूल, लग रहे नारे!
नरेश सिगची, ( स्वतंत्र पत्रकार)
Rajsthan News: अरुणाचल में शहीद हुए बाड़मेर के जवान नखत सिंह भाटी की अंतिम यात्रा शुरू हो गई है।
Rajsthan News: जवान की पार्थिव देह को लेकर गाड़ी बाड़मेर (जालीपा) मिलिट्री स्टेशन से पैतृक गांव हरसाणी के लिए रवाना हो गई है। रास्ते में जगह-जगह भारत माता के जयकारे के साथ गाड़ी पर फूल बरसाए जा रहे हैं।
गाड़ी हरसाणी फांटा, भादेरश, चूली, बालेबा, भादरेश होते हुए पैतृक गांव हरसाणी पहुंचेगी। मिलिट्री स्टेशन से गांव की दूरी करीब 95 किमी है। इससे पहले तड़के करीब साढ़े तीन बजे हेलिकॉप्टर से पार्थिव देह को उतरलाई एयरबेस लाया गया था। यहां से आर्मी की टीम जालीपा मिलिट्री स्टेशन ले गई थी।
27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। इसमें बाड़मेर के हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे। भाटी की शहादत की खबर मिलते ही गांव के बाजार बंद हो गए थे और मातम छा गया था।
सपना अधूरा रह गया
भाटी अप्रैल में एक माह की छुट्टी लेकर बाड़मेर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने मकान की नींव भरवाई थी। सपना था कि खुद का मकान बनवाएंगे। ड्यूटी पर लौटने से पहले मां और पत्नी प्रियंका कंवर से कहा था कि अगली बार दो महीने की छुट्टी लेकर आऊंगा। घर बनवाऊंगा और छोटे भाई उम्मेद सिंह (24) की शादी करवाऊंगा।
सपने अधूरे रह गए। शहादत से पहले रात को पत्नी से फोन पर बात हुई थी। मंगलवार को दिनभर पत्नी ने फोन ट्राई किया, लेकिन फोन नहीं लगा। परिवार के सदस्यों को शहादत की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उन्होंने प्रियंका (पत्नी) से छिपाए रखा।
Rajsthan News: शहीद के अंतिम दर्शन के लिए कतार में लोग, फोटो में देखिए…
बाड़मेर के नांद गांव में शहीद की पार्थिव देह को देखते हुए हाथों में तिरंगा लिए क्षेत्रवासियों ने भारत माता की जय के नारे लगाए।
शहादत को सलाम करने महिलाएं भी हाईवे पर पहुंच गईं। शहीद नखत सिंह अमर रहे के नारे लगाए।
बाड़मेर के चूली गांव से गुजरता काफिला। शहीद नखत सिंह की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए रास्ते में लोग जगह-जगह खड़े हैं।
शहीद की पार्थिव देह लेकर निकल रही सेना की गाड़ी के सामने आते ही स्कूली बच्चे नारे लगाने लगे।
शहीद नखत सिंह अमर रहे के नारों के साथ सेना की गाड़ी शहीद के पैतृक गांव की ओर बढ़ रही है।
बाड़मेर (जालीपा) मिलिट्री स्टेशन से पार्थिव देह लेकर गाड़ियां निकलीं तो भारत माता की जय के नारे गूंज उठे।
पार्थिव देह ले जा रही गाड़ी पर लोगों ने कुछ इस तरह फूल बरसाए।
बाड़मेर (जालीपा) मिलिट्री स्टेशन से शहीद की पार्थिव देह लेकर सेना की गाड़ी निकली तो स्कूली बच्चों ने भी नारे लगाए।
कोई फूल बरसा रहा तो कोई नारे लगा रहा
शहीद नखत सिंह की पार्थिव देह नांद गांव से 8KM दूर दूदाबेरी में सुबह करीब 10:35 बजे पहुंची। रास्ते में जगह-जगह लोग कतार में खड़े हैं। फूल बरसा रहे हैं। नारे लगा रहे हैं।
कतार में खड़े लोगों के हाथों में तिरंगा और नम आंखें
पार्थिव देह सुरा गांव से 8 किलोमीटर आगे नांद गांव में सुबह करीब 10:20 मिनट पर पहुंची। नम आंखों से लोगों ने विदाई दी। कतार में लोग तिरंगा लिए खड़े रहे।
40 किमी की दूरी तय कर सेना की गाड़ियों का काफिला सुरा गांव पहुंचा
गुरुवार सुबह 10:10 बजे शहीद की पार्थिव देह सुरा गांव पहुंची। बाड़मेर से करीब 40 किमी की दूरी तय की जा चुकी है।
नखत सिंह भाटी अमर रहे के लग रहे नारे
बाड़मेर के विशाला गांव के स्कूली बच्चों और लोगों ने सड़क किनारे लाइन लगाकर शहीद नखत सिंह भाटी अमर रहे और भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाए।
सेना के काफिले को देख भारत माता की जय के लगे नारे
बाड़मेर में चूली गांव में बच्चों, युवा और महिलाओं सहित ग्रामीणों ने शहीद नखतसिंह अमर रहे के नारे लगाए। इस दौरान वंदे मातरम और भारत माता के जयकारे गूंजे।
Rajsthan News: सेना के अधिकारियों ने कल गांव का निरीक्षण किया था
आज सुबह हुई बारिश के बाद शहीद नखत सिंह के पैतृक गांव हरसाणी की सड़कों पर कीचड़ हो गया है। मिट्टी डालकर सड़क को दुरुस्त किया जा रहा है।
सेना के अधिकारियों ने कल (28 अगस्त) शाम को शहीद नखत सिंह के पैतृक गांव हरसाणी जाकर पूरे रूट का निरीक्षण किया था।
उन्होंने शहीद की पत्नी से भी बातचीत की थी। उधर, आज (29 अगस्त) अलसुबह हुई बारिश के बाद गांव में कीचड़ और पानी इकट्ठा हो गया है।
गांव वाले सड़क पर मिट्टी डाल कर लेवल करा रहे हैं, ताकि शहीद की अंतिम यात्रा में परेशानी न हो। गुरुवार सुबह से ही गांव में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है।
शहीद की पार्थिव देह पहुंचने और अंतिम दर्शन करने का लोग इंतजार कर रहे हैं।
बाड़मेर के उतरलाई एयरबेस पर पहुंची थी पार्थिव देह
अरुणाचल प्रदेश के एयरबेस से सेना के जवानों की पार्थिव देह डिब्रूगढ़ (असम) लाया गया, जहां से चंडीगढ़ होते हुए बाड़मेर के उतरलाई एयरबेस पहुंचेगी।
सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल विक्रम सिंह ने बताया- अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए हवलदार नखत सिंह भाटी, नायक मुकेश कुमार और ग्रेनेडियर आशीष की पार्थिव देह को डिब्रूगढ़ (असम) लाया गया।
वहां से प्लेन से चंडीगढ़ लेकर आए। वहां पर तीनों शहीदों का पोस्टमॉर्टम हुआ। वहां से नखत सिंह की पार्थिव देह बाड़मेर के उतरलाई एयरबेस पर गुरुवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे पहुंच गई है।
यहां जालीपा (बाड़मेर) मिलिट्री स्टेशन से टीम ने उनको रिसीव किया। सुबह 8:30 बजे पार्थिव देह को जालीपा मिलिट्री स्टेशन से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। वहां पर राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार होगा।
सात भाई-बहन थे नखत सिंह
चचेरे भाई महेंद्र सिंह ने बताया- हवलदार शहीद नखत सिंह 7 भाई-बहन थे। इसमें 6 भाई है और एक बहन है। भाइयों में शहीद से छोटा एक भाई है, जो नासिक में दुकान पर काम करता है। चार बड़े भाइयों की शादी हो गई है। पास-पास में मकान बने हुए हैं। शहीद के परिवार के साथ में उसका छोटा भाई रहता है। वहीं बड़े भाई गांव में खेतीबाड़ी करते हैं।
गांव में छाया मातम, बाजार बंद हुए
अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए नखत सिंह का बाड़मेर स्थित हरसाणी गांव का घर। शहादत की खबर के बाद सन्नाटा पसरा है।
28 अगस्त को गांव में नखत सिंह के शहीद होने की खबर मिलते ही हरसाणी का पूरा बाजार बंद हो गया।
दुकानदारों ने अपनी दुकान के शटर डाउन कर दिए। ग्रामीण शहीद के घर पहुंचे और सांत्वना दी।
इस दौरान रिश्तेदार भी घर पहुंचे। थार के वीर के संयोजक रघुवीर सिंह तामलोर ने शहीद के सम्मान में अधिक से अधिक लोगों को पहुंचने की अपील की है।
2010 में सेना में भर्ती हुआ था बाड़मेर का लाल
हवलदार नखत सिंह साल 2010 में सेना में भर्ती हुए थे।
बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब 95 किमी दूर हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह (34) साल 2010 में सेना में भर्ती हुए थे। नखत सिंह के चचेरे भाई महेंद्र ने बताया कि नखत सिंह 19 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे। अरुणाचल प्रदेश में यूनिट बीते 2 साल से अधिक समय से तैनात थी। हादसे की सूचना मंगलवार को मिली।