Rajsthan News: सांध्य ज्योति के खिलाफ हुई एफआईआर दर्ज
Rajsthan News: मीडिया माफिया द्वारा फर्जी सर्कुलेशन के हो रही लूटपाट की चपेट में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई अधिकारी भी आने वाले है । गहलोत के अलावा तत्कालीन डीआईपीआर और मुख्यमंत्री के तथाकथित निकटतम रिश्तेदार पुरुषोत्तम शर्मा, ओएसडी देवाराम सैनी, शशिकांत और अनुराग वाजपेयी के गले मे फंदा कसे जाने की संभावना है ।
Rajsthan News: गहलोत जब मुख्यमंत्री थे तब इनके गिरोह ने ऐसे समाचार पत्रों और भोंपू चैनलो को करोड़ो रूपये के विज्ञापन दिए जो या तो अधिस्वीकृत ही नही थे और न ही कोई प्रसार व प्रसारण संख्या थी । कांग्रेस के लिए प्रचार और सर्वे का काम देखने वाली डिजाइन बॉक्स को भी गहलोत ने डीआईपीआर से भुगतान करवाकर अपने गांधीवादी चेहरे पर कालिख पोत दी । लूटपाट के इस गिरोह के मुख्य सरगना पुरुषोत्तम शर्मा है जिसके कुकृत्यों की गूंज सीकर में भी सुनाई देती है । यह अपने आपको सीएम भजनलाल शर्मा का बहनोई बताता है । मजे की बात यह है कि एसीबी ने इसके भ्रस्ट क्रियाकलापो को देखते हुए पीई दर्ज करली । एसीबी इसके खिलाफ नियमित मुकदमा दर्ज करना चाहती है। इसके लिए विभाग ने 17 ए के अंतर्गत स्वीकृति मांगी है । पता चला है कि साले साहब ने जीजाजी के खिलाफ जांच की स्वीकृति प्रदान नही की है । यह है सीएम की करनी और कथनी में अंतर । ज्ञात हुआ है कि करीब तीन दर्जन से ज्यादा अखबार और न्यूज चैनल सीबीआई के राडार पर है । फिलहाल सीबीआई ने अलवर और भरतपुर से प्रकाशित सांध्य ज्योति दर्पण के खिलाफ धोखाधड़ी द्वारा राजकोष को करोड़ो रूपये का चूना लगाने का आरोप है । इसी तरह तीन दर्जन अखबार जिनमे मुख्य रूप से समाचार जगत, दैनिक नवज्योति, सच बेधड़क, यंग लीडर, भोर, राजपुताना टाइम्स, हुक्मनामा, अरुण प्रभा, विराट वैभव, राजस्थान स्टेटमेंट, महानगर टाइम्स शामिल है । सभी समाचार पत्रों की प्रेस, कागज और स्याही की खरीद, वितरण, प्रसारण, प्रिंटिंग प्रेस की क्षमता, प्रकाशन स्थल से सम्बंधित मालिकाना हकूक और सीए सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है । सांध्य ज्योति में निदेशक के अलावा फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने वाले सीए को भी अभियुक्त बनाया गया है । अगर जांच में फर्जीवाड़ा पाया गया तो सीए की डिग्री निरस्त हो सकती है । ज्ञातव्य है कि मीडिया में फैली गंदगी और फर्जीवाड़े को लेकर मैंने करीब तीन साल पहले पीएमओ को मय प्रमाण शिकायत की थी । पीएमओ ने यह शिकायत मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को अग्रेषित की । सीवीसी के निर्देश पर सीबीआई ने कई अखबारों के खिलाफ पीई दर्ज कर बयान दर्ज लेना प्रारम्भ किया। जांच में पाया गया कि पूरे कुएं में भांग डली हुई है । लोगो ने फर्जी संस्करण के नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से जबरदस्त लूट मचाकर अरबो रुपये का घपला किया है । ज्ञात हुआ है एक राजनेता से जुड़े अखबार में जबरदस्त गड़बड़ी प्रमाणित हो चुकी है । वस्तुत यह अखबार अलवर से कभी प्रकाशित नही हुआ । लेकिन जांच हुई तो फर्जी हॉकर बैठाए गए, प्रिंटिंग प्रेस और कार्यालय दिखाया गया । इस राजनेता के तमाम घपलों की पत्रावली पीएमओ को अगले निर्देश के लिए अग्रेषित करदी गई है । वहां से निर्देश मिलते ही सीबीआई और एसीबी यथोचित कार्रवाई करेगी । इस अखबार की गड़बड़ियों के लिए भाजपा के एक बहुत बड़े नेता ने पीएमओ को लिखा है । इस हकीकत से कोई इनकार नही कर सकता कि पूरे राजस्थान में कुल मिलाकर 1.86 करोड़ अखबार प्रतिदिन प्रकाशित होते है । जबकि वास्तविकता यह है कि कुल 6 लाख से ज्यादा अखबार प्रकाशित होते ही नही । देश मे इससे बड़ा कोई घोटाला और कोई हो नही सकता । ये फर्जी अखबार कई तरह से सरकार और लोगो को मूर्ख बनाते है । जब कर्मचारियों को आयोग के अनुसार वेतन देने की बात आती है तो इनके मालिकों को सांप सूंघ जाता है । लेकिन जब बारी आती है कर्मचारियों को वेतन देने की तो इनकी नानी मर जाती है । यही वजह है कि पत्रकार होते हुए भी कई श्रमजीवी ठेके पर सिक्युरिटी गार्ड बने हुए है ।
Rajsthan News: भजनलाल एक ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री है । सरकारी खजाने को लुटाने वाले तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत, सच बेधड़क जिसने अजित डोभाल तक को मूर्ख बना दिया, उसकी और एक कांग्रेसी नेता की सांठगांठ, तथाकथित बहनोई पुरुषोत्तम शर्मा तथा अखबार की आड़ में सरकारी खजाने को लूटने वालो की व्यापक जांच कराई जाए। सांध्य ज्योति के खिलाफ एफआईआर पहली किश्त है । ऐसी क्रिया अभी और देखने को मिलेगी । हो सकता है कि एक साथ कई अखबारों के खिलाफ एक ही एफआईआर दर्ज की जाए । बहरहाल प्रक्रिया शुरू होगई है । अब जेल में जाने का वक्त आगया है । मेरे बयान और राज्य सरकार द्वारा 17 ए की इजाजत के बाद नया एपिसोड दिखाई देगा ।
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