Highway : इस नई तकनीक दर रात के अंधेरे में चमकेगी सभी सड़कें, लोगों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

Highway : देश के अंदर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी कर कार्यकाल के चलते देश के अदंर हाईवे, सड़के, पुल और एक्स्प्रेसवे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने विकास के रास्ते को चार चांद लगा दिए है। लेकिन अब नई तकनीक के साथ बहुत ही जबरदस्त हाईवे बनाए जाएंगे जिससे रात के अंधेरे में भी सारी सड़के चमक उठेगी। इस को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की सरकारों को आदेश भेज दिया है। आइए जानते है इसके बारें में पूरी जानकारी विस्तार से...
देश के राजमार्ग सुरक्षित बनेंगे इसके लिए केंद्र सरकार नई तकनीक (वाइट टापिंग) का प्रयोग करेगी। ये तकनीक सस्ती और वाहन चालकों के लिए काफी लाभदायक है। अंधेरे वाले मार्ग पर इस तकनीक से बने मार्ग चमकते नजर आते हैं और यह सड़क हादसों में कमी लाने में भी मददगार है।
इसके लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और सड़क निर्माण से संबंधित सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कहा है कि देश में करीब 1.46 लाख KM राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, इनमें दो, चार, छ: और आठ लेन के मार्ग शामिल है, जिसका जनता द्वारा किया जाता है।
इसके चलते इन मार्ग पर गुजरते हुए वाहनों की लाइट मार्ग पर पड़ती है, तो इसकी चमक की वजह से एक लेन में चलने में आसानी रहती है।
पर्यावरण के अनुकूल
इन मार्ग को पर्यावरण के अनुकूल माना गया है और इन मार्ग पर कोलतार (बिटुमिन) की तुलना में वाहन चलाते वक्त अधिक तेल की बचत होती है। केंद्र सरकार भविष्य में नई तकनीक से निर्माण करने पर जोर रहे रही है। इसके मुताबिक इस श्रेणी में बायपास और बीस साल से ठेके के दायरे से रह गए मार्ग, किसी भी वन्य अभ्यारण्य या राष्ट्रीय पार्क के आसपास के मार्ग प्रयोग होगी।
इस तकनीक का प्रयोग करने के लिए मंत्रालय के निदेशक बिधुर कांत झा की तरफ से लिखित आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों को राज्य सरकारों के अतिरिक्त संबंधित विभागों के सचिवों को भी भेजा गया है। इसमे यह भी बताया गया है कि नई तकनीक के माध्यम से मार्ग की बीच की दरार को भी ठीक करने का काम होगा।
इसके अतिरिक्त जिन भी मार्ग पर तकनीक का प्रयोग होगा। वहां पर पहले 80 फीसद तक मार्ग का रखरखाव या मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जाएगा। इसके बाद ही मार्ग को सामान्य यातायात के लिए खोला जाएगा।
ज्यादा टिकाऊ
इस तकनीक में सड़क पर छह इंच की एक परत बिछाई जाती है। यह तकनीक सड़को को ज्यादा टिकाऊ बनाती है और इसे बार बार- मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ती। इस तकनीक के तहत अब तक देश में दक्षिण के राज्यों में काम किया जा जा रहा है और इस तकनीक से बनी सड़कों की उम्र करीब दस साल तक होती है। शुरुआती योजना में सड़क परिवहन मंत्रायल ने कुछ राजमार्ग पर इस तकनीक का प्रयोग किया था।