Haryana Punjab Govt Notice: हरियाणा और पंजाब सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस…. जाने क्या है खास सूचना

Haryana Punjab Govt Notice: स्कूल वाहन नीति सही तरह से लागू करने के आदेश, 24 अक्टूबर से पहले मांगा जवाब

Haryana Punjab Govt Notice: स्कूलों में स्टूडेंट्स की सुरक्षा के उचित इंतजामों को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई, यानी 24 अक्टूबर से पहले सभी को जवाब की प्रति की कॉपी कोर्ट मित्र को देने का भी आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने सरकारों को सुरक्षित सुरक्षित वाहन नीति के तहत सभी स्कूली बसों में सीसीटीवी कैमरे, स्पीड गवर्नर और हाइड्रॉलिक दरवाजों का प्रावधान करने का आदेश दिया था।

कोर्ट राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि स्कूल वाहन नीति के तहत बस स्टाफ को बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम की ट्रेनिंग दी जा सकती है या नहीं, इस पर विचार करें। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों की सेवा भी ली जा सकती है।

Haryana Punjab Govt Notice: हलफनामा दायर करने का दिया था आदेश

इससे पहले बैंच ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को विस्तृत हलफनामा दायर करने का आदेश देते हुए कहा था कि कोर्ट को बताएं कि राज्य में कितनी स्कूल बसें चल रही हैं।

किसके पास परमिट है और कितनी बसें बिना परमिट चल रही हैं। कितनी बसों की जांच की और किस में क्या कमी पाई गई। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि स्कूल की खुद की बस नहीं है और वो किसी ठेकेदार की है, तो भी स्कूल की यह जिम्मेदारी है कि वो बस नियमों का पालन करें।

Haryana Punjab Govt Notice: सही तरीके से लागू करवाएं

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा, पंजाब और यू.टी. से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सेफ स्कूल वाहन नीति को सही तरीके से लागू करवाएं। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनके क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में इस दिशा निर्देश का पालन वे सुनिश्चित करें। यदि नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने का सरकार निर्णय ले सकती है।

Haryana Punjab Govt Notice: स्कूल पर भी सवालिया निशान

एक सुनवाई पर बैंच ने चंडीगढ़ के एक स्कूल पर भी सवालिया निशान लगाया था कि जब स्कूल की छुट्टी होती है, तो सड़क बंद कर दी जाती है। कोर्ट ने कहा कि बस किसी की भी हो, लेकिन सेफ स्कूल वाहन स्कीम की पालना करवाना स्कूल की जिम्मेदारी बनती है। इसमें विफल रहने पर स्कूल प्रबंधन इसका जिम्मेदार होगा।

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