Haryana Election: भतीजे के सामने ताल ठोकेंगे अभय चौटाला!

Haryana Election: INLD के नेता abhay Singh इस बार भतीजे dushyant के सामने ताल ठोकेंगे।

Haryana Election: बता दें कि इस बार हरियाणा इलेक्शन में ताऊ देवीलाल की राजनीति विरासत को संभालने की एक बेहद तगड़ी शशि जंग चल रही है अब देखना बाकी यह है कौन ताऊ देवीलाल की सियासी राजनीति पर खरा उतरता है।

सबसे खास और महत्वपूर्ण जानकारी आपको बता दे की जींद पुराना गढ़ रहा है। अभय चौटाला ने दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं।

INLD नेता अभय चौटाला इस बार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं अभय चौटाला खुद सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे साथ ही रनिया विधानसभा से अर्जुन चौटाला चुनावी डोर को संभालेंगे दोनों ही सीटों पर कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है.

मीडिया सर्वे के मुताबिक आपको बता दें कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में लोगों ने अभय सिंह चौटाला को भारी मतों से जीताने का फैसला ले रखा है वही रानियां विधानसभा में अर्जुन चौटाला को भी सत प्रतिशत जीताने का दावा किया जा रहा है।

ऐलानाबाद से वह इस समय विधायक हैं और INLD उनको फिर से यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि चौटाला अपने भजीते दुष्यंत चौटाला के सामने उचाना कलां से भी ताल ठोक सकते हैं।

खुद अभय चौटाला ने इसके संकेत दिए हैं। चौटाला ने कहा कि वह दो स्थानों से चुनाव लड़ेंगे और दूसरी सीट कार्यकर्ता तय करें। लोकसभा चुनावों से पहले अभय चौटाला ने अपनी पदयात्रा के दौरान ये ऐलान किया था उचाना कलां से इनेलो मुख्यमंत्री के चेहरे को मैदान में उतारेगी, क्योंकि बसपा के साथ गठबंधन के बाद इनेलो अभय चौटाला को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुकी है।

Haryana Election: दुष्यंत-अभय में 36 का आंकड़ा

पूर्व डिप्टी दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला के बीच 36 का आंकड़ा है। सार्वजनिक मंचों पर और विधानसभा तक के अंदर दोनों के बीच तीखी नोंक-झोंक हो चुकी हैं। जजपा से उचाना से प्रत्याशी हैं। इनके मुकाबले चौधरी बीरेंद्र सिंह बेटे बृजेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।

इस समय बसपा के साथ गठबंधन करके इनेलो नेता अभय चौटाला उत्साहित हैं। दूसरा जजपा से ठिठका वोट बैंक इनेलो के तरफ आने की उम्मीद है। जजपा का संगठन बिखर चुका है और ओमप्रकाश चौटाला की अधिक उम्र को देखते इनेलो का पुराना वैंक सहानुभूति के तौर पर डायवर्ट हो सकता है।

Haryana Election: चुनाव लड़ने के कई मायने

अभय के उचाना कलां से चुनाव लड़ने के कई राजनीतिक मायने हैं। सबसे पहला तो यह है कि इस समय JJP पूरी तरह से बिखरी हुई है और जजपा के चलते पिछली बार इनेलो की यही स्थिति थी।

उस समय सहानूभूति के दम पर जजपा दस सीटें जीतने में कामयाब रही थी और इनेलो केवल एक सीट पर सिमटकर रह गई थीं।

अभय अब अपने भतीजे से वो राजनीतिक हिसाब बराबर करने के मूड में हैं। दूसरा, सबसे बड़ा कारण ताऊ देवीवाल की विरासत संभालने की जंग है।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला पहले ही अभय चौटाला को अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर चुके हैं। अगर अभय दुष्यंत को यहां पर घेरते हैं तो जींद क्षेत्र में इनेलो की पकड़ मजबूत हो जाएगी, क्योंकि जींद इनेलो का पुराना गढ़ रहा है।

उचाना से ही तय होगी कि ताऊ देवीलाल की विरासत कौन संभालेगा। हालांकि, यहां पर दुष्यंत चौटाला ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है, क्योंकि उनके लिए यह चुनाव वजूद बचाने वाला है। साढ़े चार साल सत्ता में रहने के दौरान उचाना में कराए विकास कार्यों के नाम पर वह वोट मांग रहे हैं।

डबवाली से आदित्य चौटाला INLD के लिए लड़ेंगे चुनाव

आपको बता दें कि हाल ही में आदित्य चौटाला ने बीजेपी स इस्तीफा देकर INLD ज्वाइन की है. बीती तारीख को आदित्य चौटाला ने डबवाली में नामांकन दाखिल किया है. वही JJP से दिग्विजय सिंह चौटाला आदित्य चौटाला के सामने चुनाव लड़ रहे है।

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