Haryana CET Update: हरियाणा में ग्रुप सी और डी भर्ती को लेकर सरकार का बड़ा फैसला! CET क्वालीफाई करना होगा आसान
Haryana CET Update: हरियाणा सरकार ने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप सी और डीr की सरकारी भर्तियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) अनिवार्य कर दिया है। ग्रुप सी और ग्रुप डी के लिए एक-एक सीईटी आयोजित की जा चुकी है। इसके जरिए ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्तियां भी हो चुकी हैं। अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अगली सीईटी लेने की तैयारी में जुट गया है।
युवाओं ने की ये मांग
जल्द ही नई सीईटी आयोजित की जाएगी, लेकिन उससे पहले इसके कुछ नियमों में संशोधन किया जा सकता है। सीईटी नियमों के मुताबिक, पद और श्रेणी के कुल उम्मीदवारों की संख्या के चार गुना उम्मीदवारों को ही मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिलता है। उम्मीदवारों की ओर से मांग उठाई जा रही है कि यह परीक्षा क्वालिफाई की जाए और परीक्षा पास करने वाले सभी उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए।
सीईटी में हो सकता है संशोधन
ऐसे में सरकार ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर भर्ती के लिए सीईटी में संशोधन करने जा रही है। गलियारों में इसकी खूब चर्चा भी हो रही है, क्योंकि अभी तक एक बार ही सीईटी का आयोजन हुआ है, जिसके आधार पर ये भर्तियां हुई हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 17 अक्टूबर को ग्रुप सी और ग्रुप डी के करीब 24 हजार पदों का रिजल्ट जारी कर दिया है। लाखों युवा नई सीईटी का इंतजार कर रहे हैं, पुरानी सीईटी में कई खामियां देखने को मिली थीं।
उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने का फॉर्मूला सही नहीं
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंक हटाकर कुछ खामियों को दूर किया था। जी हां, अब सीईटी में सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंक नहीं दिए जाएंगे। युवाओं को परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट के आधार पर ही नौकरी मिलेगी, लेकिन अभी भी कुछ खामियां हैं, जिसमें पदों और श्रेणियों के लिए शॉर्टलिस्ट करने का फॉर्मूला सही नहीं है। यह फॉर्मूला 4 गुना का है और कॉरिडोर में युवा मांग कर रहे हैं कि इस बार यह गलती न हो।
सीईटी पास करने वाले सभी अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के अनुसार पदों के लिए नॉलेज टेस्ट देने का अधिकार दिया जाना चाहिए। युवा मांग कर रहे हैं कि सीईटी को क्वालिफाइंग बनाया जाना चाहिए। कुछ अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि नॉलेज टेस्ट में ज्यादा अभ्यर्थी होंगे, लेकिन यह तर्क सही नहीं है। अब देखना यह है कि सरकार इस संबंध में क्या निर्णय लेती है। जल्द ही नई सीईटी के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।