Crime News: महिला, बच्चों व पुरुषों को जमकर पीटा, झोपडिय़ों में छोड़ा करंट
Crime News: पुलिस की लापरवाही आई सामने, दो दिन बाद हुई एफआईआर Crime News: रेवाड़ी, 27 जून पिछले काफी समय से ईंट-भट्ठा पर काम कर रहे श्रमिकों द्वारा मजदूरी (रुपये) मांगने पर कहर टूट पड़ा और उनकी जमकर पिटाई की गई। पिटाई से घायलों में महिला व बच्चों सहित लगभग 30 लोग शामिल है। अत्याचार की पराकाष्ठा को लांघते हुए आरोपियों ने उनकी झोपडिय़ों में करंट छोड़ दिया। उन्हें डराया और धमकाया गया। जैसे-तैसे वे थाने पहुंचे तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए पीडि़तों को पूरे दिन थाने में बिठाये रखा। यदि एक समाजसेवी व एडवोकेट इस मामले में दखल नहीं देते तो यह लोमहर्षक मामला दब गया होता। उन्होंने घायलों का मेडिकल कराया और रिपोर्ट थाने में दी। तब कहीं जाकर दो दिन बाद बृहस्पतिवार को पांच नामजद लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। बता दें कि जिला के ईंट-भट्ठों पर बिहार व यूपी के सैकड़ों श्रमिक काम करते हैं। थाना रामपुरा क्षेत्र के गांव भांडोर स्थित एक ईंट-भट्ठे पर भी बड़ी संख्या में महिला व पुरुष काफी समय से ईंटे बनाने का काम करते हुए रोजी-रोटी कमाते हैं। ये श्रमिक पास में ही झोपडिय़ों में परिवार के साथ रहते हैं। सीताराम, कृष्ण, राजाराम, गुड्डू आदि श्रमिकों का आरोप है कि 25 जून को ईंट-भट्ठा मालिक से जब मजदूरी मांगी तो उन्हें देर रात तक डराया व धमकाया गया और भाग जाने के लिए कहा। उन्होंने साफ कहा कि वे मजदूरी लेने के बाद ही यहां से जाएंगे। इसके बाद इन श्रमिकों पर कहर टूट पड़ा। पहले तो इनकी झोपडिय़ों में बिजली का करंट छोड़ा गया। छोटे बच्चों को करंट भी लगा, लेकिन वे बच गए। तत्पश्चात देर रात को ही कुछ बुलाये गए बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया और लाठी-डंडों से महिला, बच्चों व पुरुषों को पीट-पीट कर जख्मी कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी महिलाओं के साथ अश्रील हरकत की गई। डर के मारे वे रातभर दुबके रहे और सुबह 26 जून को वे संबंधित रामपुरा थाने पहुंच गए। लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए फैसला करने का दबाव बनाया। यहां तक कि घायल श्रमिकों का मेडिकल प्रशिक्षण तक नहीं कराया गया। वे पूरे दिन भूखे-प्यासे छोटे-छोटे बच्चों के साथ जख्मी हालात में थाना परिसर में ही देर शाम तक बैठे रहे। इस दौरान उन पर बार-बार फैसला करने का दबाव भी बनाया गया। Crime News: पीडि़त श्रमिकों ने बताया कि इस दौरान भट्ठा मालिक थाने में आया और एसएचओ व जांच अधिकारी से मुलाकात कर हाथ मिलाकर वापिस चला गया। जबकि श्रमिकों को न्याय की उम्मीद थी। वे बार-बार पुलिस अधिकारी से मजदूरी दिलाने की गुहार लगाते रहे। देर शाम को इन पीडि़त श्रमिकों के बारे में समाजसेवी व एडवोकेट कैलाश चन्द को किसी ने जानकारी दी। Crime News: तत्पश्चात कैलाश चन्द अपने सहयोग सतबीर के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने जब मजदूरों ये हाल-चाल पूछा तो वे फूट-फूट कर रोने लगे और सारी आपबीती बताई। कैलाश चन्द सभी घायल मजदूरों को एक वाहन में लेकर रेवाड़ी के ट्रोमा सेंटर में पहुंचे। जहां अनेक समस्याओं का सामना करते हुए उन्होंने उनका इलाज व मेडिकल कराया और इसकी रिपोर्ट रामपुरा थाना पुलिस को दी। तब कही जाकर बृहस्पतिवार की सुबह पुलिस ने चार आरोपियों राजेश मुंशी, अनिल यादव, प्रवीण कुमार व अन्य को नामजद करते हुए छेड़छाड़ सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। कैलाश चन्द ने कहा कि यदि वे इन गरीब व पीडि़त मजदूरों की मदद नहीं करते तो यह मामला दबा दिया जाता। उन्होंने श्रमिकों को खाने-पीने का सामान भी उपलब्ध कराया। रामपुरा थाना के प्रभारी मुकेश चन्द ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीडि़त महिलाओं के आज अदालत में 164 के बयान दर्ज कराये गए हैं।
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