Abhay Singh Chautala: केंद्र सरकार पहले संबंधित सभी लोगों को आपराधिक कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दे उसके बाद लागू करे
Abhay Singh Chautala: जब ये कानून संसद में पारित किए गए थे तब 146 सांसदों को निलंबित किया गया था, अच्छा होता कि इन कानूनों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होती और सर्वसम्मति से पारित किए जाते
Abhay Singh Chautala: 14 दिन के बाद एफआईआर करने से इसका मतलब ही खत्म हो जाएगा चंडीगढ़, 1 जुलाई। इनेलो के प्रधान महासचिव Abhay Singh Chautala ने 1 जुलाई से केंद्र सरकार द्वारा आईपीसी, सीआरपीसी और आईईए की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जैसे तीन आपराधिक कानून लागू किए जाने पर कहा कि इन कानूनों को लोकतांत्रिक तरीके से लागू नहीं किया गया है। जब ये कानून संसद में पारित किए गए थे तब सदन में 146 सांसदों को निलंबित किया गया था। अच्छा होता कि इन कानूनों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होती और सर्वसम्मति से पारित किए जाते। इन कानूनों के अनुसार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया है जिसके अंतर्गत उस 14 दिनों के अंदर पहले पुलिस जांच करेगी फिर एफआईआर दर्ज करेगी। इससे पीड़ित व्यक्ति न्याय के लिए भटकेगा और अपराधी को बचने के लिए सांठगांठ करने का समय मिल जाएगा। एफआईआर का मतलब है प्रथम सूचना रिपोर्ट जो शिकायत मिलते ही दर्ज होनी चाहिए। लेकिन 14 दिन के बाद एफआईआर करने से इसका मतलब ही खत्म हो जाएगा। पुलिस को ज्यादा पावर देना भी प्रजातंत्र के खिलाफ है। इससे पुलिस की मनमानी को बढ़ावा मिलेगा और आम आदमी की परेशानियां बढ़ेंगी। सबसे अहम बात यह है कि इन कानूनों को लागू करने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई है। जबकि इन कानूनों को लागू करने से पहले संबंधित सभी लोगों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए था। अब इन कानूनों के बारे में सभी अनभिज्ञ हैं न तो कोर्ट, न पुलिस और न ही वकीलों को कुछ पता है। बारहवीं के बाद लॉ की पढ़ाई शुरू हो जाती है और उनके पाठ्यक्रम में अभी तक इन कानूनों के बारे में कुछ भी नहीं जोड़ा गया है। बार काउंसिल आफ इंडिया ने भी कहा है कि इन कानूनों के बारे में पहले स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। Abhay Singh Chautala: केंद्र की सरकार को चाहिए कि पहले संबंधित सभी लोगों को इन तीनों कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दे, उसके बाद लागू करे।
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