Kisan News : किसानों को मशरूम की खेती करने पर मिल रही 50% की सब्सिडी, ऐसे उठाए लाभ
ये खेती भूमिहीन किसानों के लिए लाभ का धंधा बन सकती है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारी पी एल अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना से जुड़ने के लिए आप एमपी ऑनलाइन के माध्यम से www.fsts.com पर आवेदन कर सकते है।
दरसअल, दमोह जिले के हिंडोरिया के रहने वाले युवा किसान अतुल धनकर ने पिछले साल मशरूम की खेती कर कम लागत में ही अधिक प्रॉफिट कमा लिया था। इस मशरूम की खेती करने के लिए अतुल को जमीन की जरूरत ही नहीं पड़ी बल्कि अतुल ने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ मनोज अहिरवार की मदद से घर की चार दिवारी के अंदर ही खेती करना शुरू कर दिया।जिसे करने में महज 4 से 5 हजार रुपये का खर्चा आया था।और इस मशरूम को बाजार में बेचने पर अतुल को 8 से 9 हजार रुपये का प्रॉफिट हुआ था।
मशरूम की खेती शुरुआत करने से पहले अतुल जबलपुर गया हुआ था, जहां उसने कृषि विज्ञान केंद्र दमोह के अधिकारियों के साथ 1 दिन की ट्रेनिंग ली थी। इस खेती को करने के लिए एक सर्कल में लगभग 40 से 50 रुपये की लागत आती है। एक पैकेट में करीब 2 किलो भूसा आता है, 200 ग्राम स्पॉन लगता है। 25 दिन में पहली फसल आ जाती है। 1 सर्कल में दो से ढाई किलो मशरूम निकलता है, जो लोकल बाजार में 150 से लेकर 160 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है।